तंबाकू धीरे-धीरे बच्चों से उनका बचपन छीन रहा है। ये हवा में कही गई बातें नहीं हैं, बल्कि ग्लोबल यूथ टोबेको सर्वे भारत 2019 के चौथे राउंड की रिपोर्ट कहती है। जिसने सबको चौंका दिया है।खासतौर पर छत्तीसगढ़ राज्य को, क्योंकि स्कूली बच्चों के तंबाकू का सेवन करने के मामले में छत्तीसगढ़ देश में 12वें स्थान पर है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में क्या खुलासे हुए हैं, आइए देखें।

 

ग्लोबल यूथ टोबेको सर्वे भारत 2019 के चौथे राउंड की रिपोर्ट के अनुसार स्कूली बच्चों के तंबाखू का सेवन करने के मामले में छत्तीसगढ़ देश में 12वें स्थान पर है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को इस संबंध में रिपोर्ट जारी की थी।जिसमें इस बात का खुलासा हुआ कि पिछले दशक में 13 से 15 साल के स्कूली बच्चों द्वारा तंबाकू का सेवन करने के मामले में 42 प्रतिशत तक की कमी देखी गई है।सर्वे के पहले तीन राउंड 2003, 2006 और 2009 में यह बात निकलकर आई थी।जानकारी के मुताबिक इस सर्वे में 987 स्कूलों के 97,302 बच्चों को शामिल किया गया था। जिसमें बालिकाओं के मुकाबले बालकों में तंबाखू का सेवन करने वालों की संख्या अधिक रही।

 

सर्वे के आधार पर अलग-अलग बिंदुओं पर तंबाकू से जुड़ी कई बातें सामने आई हैं। जिसमें 13 से 15 साल की आयु के लगभग 20% छात्रों ने अपने जीवन में धूम्रपान, धुआँरहित और किसी भी अन्य रूप में तम्बाकू उत्पाद का उपयोग किया है। अगर पिछले दो सर्वेक्षणों के बीच यानी 2009 से 2019 की तुलना करें। तो इसमें 42% की गिरावट आई है।लड़कों में तंबाकू के सेवन का प्रसार 9.6% और लड़कियों में 7.4% पाया गया है। धूम्रपान तम्बाकू का सेवन करने वाले 7.3% हैं, जबकि छात्रों के बीच ई-सिगरेट का उपयोग 2.8% होता है। तंबाकू की शुरुआत की उम्र 38% सिगरेट के साथ, 47% बीड़ी धूम्रपान के साथ और 52% धूम्रपान रहित तंबाकू का उपयोग करने के साथ हुई।

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