छ्त्तीसगढ़ में बीजापुर जिले के पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड का मुख्य आरोपी और मास्टरमाइंड सुरेश चंद्राकर गिरफ्तार हो गया है। चंद्राकर को स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (SIT) ने 5 जनवरी की देर रात हैदराबाद से गिरफ्तार किया। फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है। आरोपी सुरेश, पत्रकार मुकेश चंद्राकर का चचेरा भाई है। मामले में सुरेश के 3 सगे भाइयों समेत 4 आरोपी पहले ही पकड़े जा चुके हैं। मुकेश की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सिर पर चोट के 15 निशान मिले थे। कितनी बुरी तरह हत्या की गई, इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि लिवर के 4 टुकड़े मिले, गर्दन टूट गई और हार्ट फट गया था। 5 पसलियां भी टूटी हुई थीं। पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर के मुताबिक दो या दो से अधिक लोगों ने मुकेश की हत्या की है। मुकेश के शरीर पर इतना तेज वार किया गया है कि शरीर के कई अंग जख्मी हो गए। मीडिया से बात करते हुए डॉक्टर ने बताया कि उन्होंने 12 सालों में कभी ऐसा केस नहीं देखा। बैडमिंटन कोर्ट परिसर में करवाई हत्या सुरेश चंद्राकर पेशे से ठेकेदार है और राजनीति से भी जुड़ा हुआ है। आरोप है कि मुकेश चंद्राकर ने ठेकेदार के भ्रष्टाचार की खबर बनाई थी। इसी बात से नाराज सुरेश ने मुकेश की हत्या करवाई। सुरेश ने बीजापुर में अपने बैडमिंटन कोर्ट परिसर में खाने के बहाने बुलाकर अपने भाई और सुपरवाइजर के हाथों मुकेश की हत्या करवा दी थी। पत्नी और ड्राइवर को छोड़कर भाग गया था सुरेश सुरेश चंद्राकर को पुलिस लगातार ट्रेस कर रही थी। जानकारी मिली कि वह हैदराबाद की तरफ भागा है। हैदराबाद से कुछ ही दूर पहले एक गाड़ी को पुलिस ने रोका, जिसमें सुरेश चंद्राकर की पत्नी और ड्राइवर मौजूद थे। सुरेश इस गाड़ी को छोड़कर भाग चुका था। पत्नी से पूछताछ करते हुए पुलिस को सुराग मिला, जिसके बाद सुरेश को भी पकड़ लिया गया। बदले जा सकते हैं SIT के अफसर हत्याकांड के बाद बनाई गई SIT के अधिकारियों को बदला जा सकता है। इन्वेस्टिगेशन टीम में पहले से ही बीजापुर में पदस्थ कुछ अधिकारियों को शामिल किया गया है। पत्रकारों ने इस पर आपत्ति जताई थी। पुलिस हेडक्वार्टर से अन्य अधिकारियों से मामले की जांच कराने की मांग की गई थी, ताकि निष्पक्ष जांच हो सके। गृह मंत्री विजय शर्मा के मुताबिक, मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद इस पर जल्द फैसला लिया जाएगा। घर में बनी थी हत्या की पूरी साजिश दैनिक भास्कर ने जब इस मामले की पड़ताल की तो पता चला कि सुरेश चंद्राकर ने मुकेश की हत्या की साजिश बीजापुर स्थित अपने घर में बैठकर की थी। तय हुआ कि छोटा भाई रितेश, सुरेश को बुलाएगा और सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके के साथ मिलकर उसे मार देगा। साजिशकर्ताओं को पता था कि रितेश के बुलाने पर ही मुकेश आ सकता है। साजिश में ये भी था कि हत्या के दिन सुरेश और दिनेश जगदलपुर में रहेंगे। हत्या के बाद रितेश रायपुर और सुरेश हैदराबाद चला जाएगा। वहीं, दिनेश और मैनेजर महेंद्र रामटेके दोनों मिलकर शव को ठिकाने लगाएंगे। आरोपियों ने घटना को इसी तरह अंजाम दिया। पत्रकारों की सक्रियता के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। घर से 2 किमी दूरी पर हुई हत्या सुरेश ने बैडमिंटन कोर्ट परिसर में मौजूद कमरों को स्टोर रूम बनाकर रखा था। आस-पास सैकड़ों घर भी हैं। ये इलाका मुकेश चंद्राकर के घर से करीब 2 किलोमीटर दूर स्थित है। जब भास्कर की टीम ने इलाके में रहने वाले लोगों से बातचीत करने की कोशिश की तो लोगों ने कैमरे के सामने बात करने से मना कर दिया। तीनों हत्यारे भाइयों का अय्याशी का था अड्डा इसकी वजह सुरेश और उसके गुर्गों का डर था। इलाके के लोग भी इस हत्याकांड से सहमे हुए हैं। हालांकि, ऑफ कैमरा लोगों ने बताया कि ये सिर्फ नाम का बैडमिंटन कोर्ट था। यहां तीनों भाई अय्याशी किया करते थे। अंदर किसी को घुसने नहीं दिया जाता था। यहां वही जाता था, जिन्हें सुरेश, दिनेश या फिर रितेश लेकर आते थे। सुरेश चंद्राकर की गिरफ्तारी SIT की कामयाबी- गणेश शंकर मिश्र रिटायर्ड IAS और भाजपा नेता गणेश शंकर मिश्र ने कहा कि पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड के मास्टरमाइंड सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से गिरफ्तार कर SIT ने सराहनीय कार्य किया है। यह कदम न्याय और कानून व्यवस्था को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण सफलता है। नक्सलियों ने फेंके पर्चे, कहा- भ्रष्टाचार उजागर करने में मुकेश का मर्डर हुआ नक्सलियों ने पर्चे फेंककर मुकेश चंद्राकर मर्डर केस की निंदा की है। उन्होंने सरकार को भी घेरा है। पर्चे में लिखा है कि सरकार के लोग अपने करीबियों और भ्रष्टाचारी ठेकेदारों को काम देकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं। इनका भ्रष्टाचार उजागर करने पर मुकेश की हत्या कर दी गई। ……………………. पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… पत्रकार हत्याकांड…मारने से पहले हत्यारों ने खिलाया खाना:चचेरे भाइयों ने मारा, इनमें जिगरी दोस्त था रितेश, भागने का पहले से तय था रूट ये वो तारीख और वक्त है, जब बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर का मर्डर हुआ। हत्यारों ने पहले डिनर पर बुलाया। खाना खिलाकर जमकर पीटा। जब मुकेश अधमरा हो गया, तो उसका गला घोंटा, फिर धारदार हथियार से सिर पर मारा, जिससे ढाई इंच घाव हो गया। पढ़ें पूरी खबर

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