छत्तीसगढ़ में भगवान शंकर को नोटिस भेजने से चर्चा में आए राजस्व अमले के बाद अब रायगढ़ नगर निगम ने भगवान हनुमान को नोटिस जारी कर पानी का बिल भरने कहा है। बजरंग बली को निगम दफ्तर भी बुलाया गया है।

छत्तीसगढ़ को माता कौशल्या की नगरी कहा जाता है। यह भगवान श्रीराम का यह ननिहाल भी है। श्रीराम के ननिहाल से रामभक्त भगवान हनुमान को नोटिस जारी किया गया है। बजरंगबली को बकायदा नोटिस भेजकर 15 दिनों की मोहलत दी गई है। हनुमान जी को दफ्तर बुलाया गया है। कार्यालय नहीं आने पर सर चार्ज लगाने की चेतावनी भी दी गई है। भगवान हनुमान को नोटिस जारी करने का यह पत्र अब सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। भगवान शंकर को नोटिस भेजने से चर्चा में आए राजस्व अमले के बाद अब रायगढ़ नगर निगम ने भगवान को नोटिस जारी कर पानी का पैसा मांगा है। नोटिस में निगम प्रशासन ने बजरंग बली को 400 रुपये वाटर टैक्स भुगतान करने को कहा है।

बता दें कि रायगढ़ नगर निगम शहर में जल कर की वसूली करने बकायेदारों को नोटिस जारी कर रही है। फरवरी और मार्च माह का एक साथ बिल वसूल किया जा रहा है। निगम प्रशासन को नोटिस भेजने की इतनी जल्दी थी कि उन्होंने वार्ड क्रमांक-18 टिकरापारा में भगवान हनुमान के नाम से नोटिस जारी कर दिया। मंदिर प्रशासन के किसी व्यक्ति के नाम से नोटिस जारी किया जाना था, लेकिन निगम के कर्मचारियों ने भगवान हनुमान को ही अपना उपभोक्ता मानकर नोटिस जारी कर दिया। इस मामले में भारतीय जनता पार्टी ने निगम की कार्यशैली पर कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है। भाजपा जिलाध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने इसे हिन्दू-देवताओं को अपमान बताया है। वहीं निगम प्रशासन ने गलती सामने आने के बाद नोटिस में संशोधन की बात कही है।

400 रुपये देने बजरंगबली को जाना होगा निगम 
सोशल मीडिया में वायरल हो रहे डिमांड नोटिस में रायगढ़ नगर निगम ने कहा है कि 400 रुपये का भुगतान संबंधित तामिलकर्ता को नहीं करना है। राशि का भुगतान नगर निगम कार्यालय में उपस्थित होकर संबंधित क्षेत्र के सहायक राजस्व निरीक्षक को किया जाये। बिल तामिलकर्ता को राशि प्राप्त करने अधिकृत नहीं किया गया है। रायगढ़ नगर निगम द्वारा आपकी सहमति से निज निवास में जल प्रदाय का कार्य  किया जा रहा है। इस सूचना को पाने के 15 दिनों के भीतर पूरी रकम निगम कार्यालय में अवश्यक जमा करें अन्यथा नियमानुसार सर चार्ज सहित राशि की वसूली आपसे की जाएगी।

राजस्व अमले ने भगवान शंकर को बुलाया था कोर्ट
बता दें कि इससे पहले रायगढ़ जिले में ही नायब तहसीलदार विक्रांत सिंह ठाकुर ने भगवान शंकर सहित 10 लोगों को नोटिस जारी कर तलब किया था। तहसीलदार ने नोटिस में भगवान शंकर को चेतावनी भी दी थी। सुनवाई में नहीं आने पर 10 हजार का जुर्माना और कब्जे से बेदखल करने की चेतावनी दी थी। भोलेनाथ पर अवैध रूप से जमीन पर कब्जा करने का आरोप है। भोलेनाथ के भक्तों ने शंकर भगवान को उखाड़कर कोर्ट में पेश किया था। रायगढ़ में अवैध कब्जे और निर्माण को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। तहसील कोर्ट ने सीमांकन दल गठित कर कौहाकुंडा गांव में जांच कराई थी। काफी हंगामे के बाद जिला प्रशासन ने अपनी गलती मानकर सुधार किया था।

सिंचाई विभाग ने भगवान शिव को भेजा था नोटिस 
इससे पहले जांजगीर-चांपा जिले के सिंचाई विभाग द्वारा भगवान शंकर को नोटिस जारी किया जा चुका है। कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी जांजगीर-शाखा नहर उप संभाग क्रमांक-1 से नवंबर-2021 में भगवान शिव को नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में किसी ट्रस्ट या समिति के नाम का उल्लेख नहीं था। शिव मंदिर के नाम से जारी नोटिस में अनुविभागीय अधिकारी ने भगवान भोलेनाथ को लिखा था कि पटवारी हल्का नंबर 10 जांजगीर शाखा नहर की 1988 वर्गफीट जमीन में आपके द्वारा अतिक्रमण किया गया है। शासन के आदेशानुसार शासकीय जमीन पर कब्जा करना कानून अपराध की श्रेणी में आता है।

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