छत्तीसगढ़ कांग्रेस पिछले 2 साल से बिना कोषाध्यक्ष के ही चल रही है। ED की रेड के बाद पार्टी के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल पिछले 3 सालों से फरार चल रहे हैं। पार्टी में कोषाध्यक्ष नहीं रहने की वजह से दिक्कतें भी पेश आ रही हैं। बावजूद इसके अब तक नई नियुक्ति नहीं की गई है। पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने बिना कोषाध्यक्ष के चल रही कांग्रेस को लेकर कहा है कि इससे पार्टी का बैकबोन थोड़ा हिला हुआ है। पार्टी में क्यों जरूरी है कोषाध्यक्ष? चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के मुताबिक किसी भी राजनीतिक दल में उनके कोषाध्यक्ष या ऐसा व्यक्ति जो आधिकारिक रूप से पार्टी का अकाउंट संभालता है। उसका नाम बताना जरुरी होता है। पार्टी में कोषाध्यक्ष का पद महत्वपूर्ण है। पार्टी से जुड़े खर्चे और बैंक में कोषाध्यक्ष के दस्तखत जरूरी होते हैं। अधिकृत रूप से कोषाध्यक्ष के दस्तखत के बिना बड़े खर्च नहीं किए जा सकते। लेकिन इसके बावजूद पिछले 2 सालों से इस पद की अनदेखी की गई है। संगठन की व्यवस्था के मुताबिक पार्टी में कोषाध्यक्ष का पद दूसरे नंबर का माना जाता है। अध्यक्ष जहां संगठन संभालते हैं, वहीं कोषाध्यक्ष का काम पार्टी का आर्थिक व्यवस्था मजबूत रखने और जरुरत पड़ने पर फंड की व्यवस्था से लेकर खर्च पर नजर बनाए रखने की होती है। कौन हैं रामगोपाल अग्रवाल पार्टी से मिली जानकारी के मुताबिक रामगोपाल अग्रवाल 1980 के दशक में पार्टी से जुड़े थे। बाद में वे AICC के सदस्य बनें। साल 2013 में उन्हें छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया। रामगोपाल अग्रवाल ने अब तक कोई चुनाव नहीं लड़ा। कांग्रेस में अब तक वे संगठन में ही एक्टिव रहे हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले 20 फरवरी 2023 को ED ने सरकार के कुछ अधिकारियों के अलावा कांग्रेस नेता गिरीश देवांगन, चंद्रदेव राय, देवेन्द्र यादव, विनोद तिवारी समेत कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल के यहां छापेमार कार्रवाई की थी। इस समय कांग्रेसियों ने अग्रवाल के अनुपम नगर स्थित निवास के सामने ED के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था। इस कार्रवाई के बाद शराब, कोयला और दूसरे घोटालों की जांच को लेकर ED ने 21 जुलाई 2023 को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष राम गोपाल अग्रवाल के अनुपम नगर स्थित निवास और दूसरे ठिकानों पर रेड की थी। पार्टी में लगे थे गबन के आरोप कांग्रेस के पूर्व महामंत्री अरुण सिसोदिया ने दीपक बैज को चिट्ठी लिखकर कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल पर 5 करोड़ 89 लाख रुपए के गबन का बड़ा आरोप लगाया था। सिसोदिया ने अपने पत्र में लिखा था कि रामगोपाल अग्रवाल ने अपने मित्र और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा के बेटे की कंपनी टेसू मीडिया लैब गाजियाबाद को 5 करोड़ 89 लाख रुपए दिए हैं। ये रुपए तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम और प्रभारी महामंत्री की जानकारी के बिना भुगतान किया गया था। विधानसभा चुनाव से पहले आखरी बार दिखाई दिए थे कोषाध्यक्ष कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल सार्वजनिक तौर पर कांग्रेस के कार्यक्रम में आखरी बार उस समय दिखाई दिए थे। जब विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के चयन को लेकर एक बैठक आयोजित की गई है। पार्टी में लेन-देन जुड़े मामलों के लिए वे यहां आए थे। हालांकि, पार्टी कार्यालय में रेड से पहले 15 जुलाई 2023 को दीपक बैज के नए प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर नियुक्ति के दौरान राजीव भवन में वे उनके साथ तस्वीर में दिखाई दिए थे। सोशल मीडिया में भी उनकी अभी तक की आखरी पोस्ट ED की रेड के एक दिन पहले यानी 20 जुलाई 2023 की है। इसके बाद वे सोशल मीडिया में भी एक्टिव दिखाई नहीं दिए। पार्टी की बैठकों में भी उन्होंने आना बंद कर दिया। नई सरकार आने के बाद कांग्रेस की किसी भी बैठक या कार्यक्रमों में रामगोपाल नहीं दिखे। जांच एजेंसियों को भी उनकी तलाश की है। कोल लेवी मामले के अलावा शराब घोटाले और पार्टी से जुड़े फंड को लेकर उनसे पूछताछ हो सकती है लेकिन अब तक ये पता नहीं चल पाया है कि वे कहां है। हांलाकि उनके देश छोड़कर जाने की भी चर्चा है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल के करीबी माने जाते हैं अग्रवाल रामगोपाल अग्रवाल पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाते हैं। पिछली सरकार में संगठन के साथ ही सत्ता से जुड़े कई कार्यक्रमों में भी अग्रवाल भूपेश बघेल करे साथ दिखाई देते थे। इतना ही नहीं दिल्ली में भी पार्टी के बड़े नेताओं से मुलाकात के दौरान रामगोपाल अग्रवाल भूपेश बघेल के साथ ही दिखाई दिए। पार्टी पर क्या असर पड़ा? कांग्रेस ने साल 2023 के विधानसभा, 2024 के लोकसभा और हाल ही में दक्षिण विधानसभा के उपचुनाव कांग्रेस पार्टी ने बिना कोषाध्यक्ष के ही लड़ा हैं। अग्रवाल ED की गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार चल रहे हैं। पार्टी से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में कोषाध्यक्ष का कामकाज भी महामंत्री संभाल रहे हैं। डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव का कहना है कि पार्टी ने किसी दूसरे व्यक्ति को बैंक सिग्नेचर के लिए अधिकृत कर दिया होगा। अब उनका दस्तखत चल रहा होगा। उन्होंने कहा कि कोषाध्यक्ष का पद पार्टी में दूसरे नंबर का होता है। जबकि उपाध्यक्ष का पद उनके बाद आता है। उन्होंने कहा कि पार्टी की बैकबोन थोड़ा हिला हुआ है। कब तक होगी नए कोषाध्यक्ष की नियुक्ति? पार्टी में जिलाध्यक्षों के अलावा संगठन में भी नियुक्ति की जानी है। AICC ने अब तक केवल 3 जिलाध्यक्षों की लिस्ट ही जारी की है। इस बारे में पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज का कहना है कि नए कोषाध्यक्ष का नाम हाईकमान को भेजा जा चुका है और अब AICC नामों का ऐलान करेगी। हालांकि मंगलवार को बैज दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में दूसरे पदों के अलावा कोषाध्यक्ष पद के लिए भी नए नाम का ऐलान किया जा सकता है। ……………………………………………………… छत्तीसगढ़ कांग्रेस से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस ने 3 जिलाध्यक्ष बदले: बस्तर-ग्रामीण में प्रेमशंकर, मुंगेली में घनश्याम, रायगढ़-ग्रामीण में नागेंद्र को कमान; 30 जिलाध्यक्ष बदले जाएंगे छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने संगठन में बदलाव शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने 3 जिलों में नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की है। जिसमें मुंगेली, बस्तर ग्रामीण और रायगढ़ ग्रामीण शामिल है। पढ़ें पूरी खबर

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