Bhupesh Baghel Cabinet: रायपुर में हुई छत्तीसगढ़ कैबिनेट की बैठक सीएम भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई जिसमें कई बड़े फैसले लिए गए।
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने शुक्रवार (30 दिसंबर) को रायपुर (Raipur) स्थित अपने आवास पर कैबिनेट (Cabinet) की बैठक (Meeting) की। इस बैठक में छत्तीसगढ़ कैबिनेट में पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को फिर से बहाल करने का निर्णय किया गया। इस बैठक में पर्यावरण, शिक्षा, निवेशकों को आकर्षित करने, सरकारी योजनाओं के लागू करने के अलावा गैंबलिंग (जुआ), वाहन कर और अनाधिकृत विकास से संबंधित कानूनों के मसौदे से जुड़े कई अन्य महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।
Cabinet Meeting में लिया गया फैसला
मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला किया गया कि शासकीय सेवकों को एक अप्रैल 2022 से ही छत्तीसगढ़ सामान्य भविष्य निधि का सदस्य माना जाएगा और एक नंवबर 2004 या उसके बाद नियुक्त तिथि से 31 मार्च 2022 तक एनपीएस खाते में जमा कर्मचारी अंशदान और उस पर अर्जित लाभांश शासकीय कर्मचारी को एनपीएस नियमों के तहत देय होगा। अधिकारियों ने बताया कि कर्मचारियों को राज्य शासन के अंशदान और उस पर अर्जित लाभांश जमा करने पर ही पुरानी पेंशन की पात्रता होगी।
अप्रैल 2022 के बाद होने वाली भर्तियों में मिलेगा Old Pension का लाभ
इसके लिए शासकीय सेवकों को एनपीएस के अंतर्गत पहले की तरह बने रहने या फिर पुरानी पेंशन योजना के फायदे का विकल्प शपथ पत्र में देना होगा। यह अंतिम और अपरिवर्तनीय विकल्प होगा। उन्होंने बताया कि शासकीय सेवक द्वारा पुरानी पेंशन योजना के विकल्प लेने पर एक नवंबर 2004 से 31 मार्च 2022 तक एनपीएस खाते में शासन द्वारा जमा किए गए अंशदान और उस पर प्राप्त लाभांश को शासन के खाते में जमा करना होगा। अधिकारियों ने बताया कि एक अप्रैल 2022 और उसके बाद नियुक्त होने वाले राज्य के शासकीय सेवक अनिवार्य रूप से पुरानी पेंशन योजना के सदस्य होंगे।
Chhattisgarh सरकार ने PFRDA को लिखा पत्र
राज्य शासन के अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) को पत्र लिखकर नवीन पेंशन स्कीम के तहत राज्य सरकार के योगदान की कुल राशि का वर्तमान बाजार मूल्य 17,240 करोड़ रुपए की मांग की है। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए विशेष योजना प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया और इस योजना में कुल 780 करोड़ रूपए स्कूलों की मरम्मत में खर्च किए जाएंगे।