लोगों के घरों में रखे सामान पूरी तरह से खराब हो गये हैं।ट्यूब का सहारा लेकर सुरक्षित स्थानों पर आवाजाही कर रहे हैं। लेकिन हैरानी की बात है कि प्रशासन ने मोटर बोट के इंतजाम ग्रामीणों के लिए नहीं हुए।

Madhya Pradesh Rain: कोटा बैराज से 2 लाख 85 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने की वजह से चंबल नदी का जलस्तर तेजी के साथ बढ़ रहा है। श्योपुर का राजस्थान के सभी इलाकों से संपर्क कट गया है। सुंडी और सांढ़ गांव टापू बने हुए हैं। इसके अलावा दाँतरदा और सांमरसा गांव की निचली बस्तियों के घरों में पानी भर गया है। लेकिन हैरान कर देने वाली बात है कि प्रशासन ने अभी तक राहत एवं बचाव कार्य शुरू नहीं किए हैं। इन हालातों में लोग बेहद परेशानी उठा रहे हैं।

चंबल नदी में तेजी के साथ बढ़ रहे उफान की वजह से श्योपुर-सवाई माधोपुर हाईवे पर दांतरदा गांव के पास बने पुल-पुलिया पानी में डूबे हुए हैं। इसके साथ ही आसपास बने हुए घर-मकान भी पानी में डूब गए हैं। लोगों के घरों में रखे सामान पूरी तरह से खराब हो गये हैं। लोग ट्यूब का सहारा लेकर सुरक्षित स्थानों पर आवाजाही कर रहे हैं। लेकिन हैरानी की बात है कि प्रशासन ने मोटर बोट के इंतजाम ग्रामीणों के लिए नहीं किए हैं।

चंबल और पार्वती नदियों में उफान की वजह से किसानों की फसलें भी डूब गई है। इन हालातों में किसान भी बेहद परेशान हैं। प्रशासन ने नदियों के किनारे बसे 28 गांव में अलर्ट जारी कर दिया है लेकिन जो गांव टापू बने हुए हैं वहां अभी तक रेस्क्यू ऑपरेशन तक नहीं चलाया गया है। इन हालातों में अगर नदियों का जलस्तर और बढ़ा तो टापू बने हुए गांवों के ग्रामीणों को दिक्कतें हो सकती हैं। इस बारे में ग्रामीणों का कहना है कि उनके घर पानी में डूबे हुए हैं, घर का सारा सामान खराब हो गया है। लेकिन प्रशासन ने उन्हें कोई मदद मुहैया नहीं कराई है।

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