सीबीआई ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) में भ्रष्टाचार के सिलसिले में 50 जगहों पर छापेमारी की है. खराब क्वालिटी के अनाज को अच्छी क्वालिटी का बताकर ये घोटाला चल रहा था.

नई दिल्ली: 

केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को भारतीय खाद्य निगम (FCI) में कथित भ्रष्टाचार पर कार्रवाई शुरू की. डीजीएम रैंक के एक अधिकारी को गिरफ्तार करने के बाद पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में 50 स्थानों पर छापेमारी की जा रही है. FCI के कुछ अधिकारी जिसमें टेक्निकल अस्सिटेंट से लेकर एग्जेक्युटिव डायरेक्टर तक इस नेक्सस में शामिल थे. इस नेक्सस में राइस मिल मालिक और ग्रेन मर्चेंट भी शामिल हैं. 6 महीने से सीबीआई इस नेक्सस की तफ्तीश कर रही थी, जिसके बाद 74 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई. इसी मामले में कल FCI चंडीगढ़ का एक DGM राजीव कुमार मिश्रा पकड़ा गया था.

दरअसल, ये अधिकारी और राइस और अनाज जमा करने वाली कंपनियां, घटिया किस्म का अनाज और चावल खरीदकर उन्हें FCI को ऊंचे दामों पर बेचा करते थे. ये पूरी धांधलेबाजी FCI अधिकारियों की मदद से चल रही थी.

अधिकारियों ने कहा कि एफसीआई में तकनीकी सहायकों से लेकर कार्यकारी निदेशकों तक की भूमिका एजेंसी की जांच के दायरे में है. उन्होंने कहा कि एफसीआई में एक उप महाप्रबंधक (डीजीएम) को 50,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किए जाने के बाद तलाशी शुरू की गई. ऑपरेशन पंजाब, हरियाणा के कई शहरों और दिल्ली में दो स्थानों पर फैला हुआ है.

सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने एफसीआई में “भ्रष्टाचार के नापाक गठजोड़” के खिलाफ अभियान शुरू किया है, जिसमें खाद्यान्न की खरीद, भंडारण और वितरण में लगे अधिकारियों, चावल मिल मालिकों, अनाज व्यापारियों आदि की एक श्रृंखला शामिल है.

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