अशोक गहलोत ने किसी भी तरह के क्राइसिस के मैनेजमेंट का दावा किया है। यही नहीं अशोक गहलोत खुद पार्टी के एजेंट बने हैं, जो यह निगरानी रखेंगे कि किन लोगों ने पार्टी उम्मीदवारों को वोट डाला और किसने नहीं।

राजस्थान की 4 राज्यसभा सीटों के लिए मतदान जारी है और आज शाम तक इनका नतीजा आ सकता है। कांग्रेस ने अपने सभी तीन उम्मीदवारों की जीत का भरोसा जताया है, जबकि भाजपा के खाते में एक सीट जाएगी। इसके अलावा निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा भी सस्पेंस बढ़ा रहे हैं और कांग्रेस के तीसरे उम्मीदवार के जीतने पर पसोपेश की स्थिति है। हालांकि अशोक गहलोत ने किसी भी तरह के क्राइसिस के मैनेजमेंट का दावा किया है। यही नहीं अशोक गहलोत खुद पार्टी के एजेंट बने हैं, जो यह निगरानी रखेंगे कि किन लोगों ने पार्टी उम्मीदवारों को वोट डाला और किसने नहीं।

अशोक गहलोत ने खुद डाला पहला वोट, फिर BSP से आए विधायकों ने

अशोक गहलोत ने खुद सबसे पहले वोट डाला और फिर बीएसपी से आए 6 विधायकों का भी मतदान जल्दी ही करा दिया ताकि किसी तरह की क्रॉस वोटिंग से बचा जा सके। उनके ठीक बाद सपा से कांग्रेस में शामिल हुए और राज्य सरकार में सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने मतदान किया। राजस्थान की राजनीति को समझने वालों का मानना है कि अशोक गहलोत ने जिस तरह की फील्डिंग सजाई है, उसमें कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार जीत सकते हैं और सुभाष चंद्रा इस बार 2017 की तरह हरियाणा जैसा खेल नहीं कर पाएंगे।

पायलट गुट को अशोक गहलोत दे रहे बड़ा संदेश

कहा जा रहा है कि राज्यसभा चुनाव में इस बैटिंग के जरिए अशोक गहलोत ने अपनी सरकार के समीकरणों को भी साध लिया है। चिंतन शिविर के बाद से ही लगातार यह कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्य में बड़े बदलाव कांग्रेस कर सकती है। गहलोत के प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट को सीएम से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक की जिम्मेदारी दिए जाने के कयास लगते रहे हैं। हालांकि अशोक गहलोत ने जिस तरह से राज्यसभा चुनाव से मोर्चा संभाला है, उससे यह संदेश देने में सफल हो सकते हैं कि ज्यादातर विधायक आज भी उनके साथ हैं और सचिन पायलट का कद अभी उनके बराबर का नहीं हुआ है। यही वजह है कि अशोक गहलोत खासे सक्रिय हैं और लगातार यह संदेश दे रहे हैं कि अभी उनका विकल्प पार्टी के पास नहीं है।

बसपा के सभी 6 विधायकों ने डाला वोट, गहलोत के साथ पहुंचे

राज्यसभा चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद कांग्रेस और सरकार को लेकर नाराजगी जताने वाले बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायक सबसे पहले मतदान करने वाले विधायकों में रहे। इनमें गुढ़ा भी शामिल हैं, जिन्होंने मुख्यमंत्री गहलोत के बाद मतदान किया। गुढ़ा ने वोट डालने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘मैं मुख्यमंत्री गहलोत के बाद मतदान करने वाला दूसरा सदस्य था।’ सपा से कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायक मुख्यमंत्री गहलोत के काफिले के साथ विधानसभा भवन पहुंचे और मतदान किया। उल्लेखनीय है कि इन विधायकों ने राज्यसभा चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद कांग्रेस और सरकार को लेकर नाराजगी जताई थी। हालांकि, बाद में वे उदयपुर में पार्टी के कैंप में शामिल हो गए।

राजस्थान में कांग्रेस ने उतारे हैं सभी बाहरी उम्मीदवार

गौरतलब है कि राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने तीन सीटों के लिए मुकुल वासनिक, प्रमोद तिवारी और रणदीप सुरजेवाला को मैदान में उतारा है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी को अपना आधिकारिक उम्मीदवार बनाया है। भाजपा मीडिया कारोबारी एवं निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा का भी समर्थन कर रही है। उनके उतरने की वजह से ही मुकाबला रोचक हो गया है।

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