अंबिकापुर के महामाया पहाड़ की संरक्षित वनभूमि में अवैध कब्जा खाली चलाने के लिए बुलडोजर एक्शन सोमवार को शुरू हो गया है। पहले चरण में 60 अवैध कब्जों को हटाया जाएगा। सुबह फोर्स के साथ प्रशासनिक एवं वन अमले की टीम बेजा कब्जा हटाने पहुंची तो टीम को विरोध का सामना करना पड़ा। कब्जाधारियों ने कुछ मोहलत और मांगी, लेकिन इससे प्रशासन और वन अमले ने इंकार कर दिया। हंगामें को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी किया। सरगुजा के सिद्ध शक्तिपीठ महामाया मंदिर से लगे महामाया पहाड़ को काटकर करीब 450 लोगों ने कब्जा कर लिया है। इसमें कब्जाधारियों के मकान, बाड़ी बने हुए हैं। वर्ष 2021 में जिला प्रशासन, वन विभाग के संयुक्त अमले के सर्वे में 440 लोगों का अतिक्रमण पाया गया था। इनमें से 60 को अवैध कब्जा हटाने के लिए तीन दिन की मोहलत देकर 17 जनवरी को नोटिस जारी किया गया था। अवैध कब्जा हटाने पहुंची टीम का विरोध
पहले चरण में 60 लोगों का अवैध कब्जा तोड़ने के लिए सोमवार सुबह फोर्स के साथ प्रशासनिक एवं वनविभाग की टीम पहुंची। टीम में पुलिस एवं प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं। फोर्स के पहुंचने की सूचना पर बड़ी संख्या में कब्जाधारियों ने एकजुट होकर टीम का विरोध शुरू कर दिया। मौके पर कांग्रेस नेता शफी अहमद, कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता के साथ कांग्रेस नेता भी पहुंचे। कांग्रेस नेताओं ने कार्रवाई करने में पक्षपात का आरोप लगाया और व्यवस्थापन करने की भी मांग रखी। लोगों ने बुलडोजर का रास्ता रोक दिया तो पुलिस ने बल प्रयोग कर लोगों को हटाया। कब्जाधारियों ने कुछ और मोहलत मांगी, लेकिन प्रशासनिक अमले ने समय देने से इंकार कर दिया। घर में रखे सामानों को हटाने के लिए कुछ समय जरूर दिया गया है। 60 घर तोड़े जाएंगे, हंगामें की स्थिति
प्रशासनिक अमले द्वारा 15 अक्टूबर 2022 को 60 अतिक्रमणकारियों का कब्जा हटाने के लिए कार्रवाई शुरू की गई थी, लेकिन राजनीतिक दबाव में यह कार्रवाई रुक गई थी। आज इन 60 कब्जाधारियों का अवैध कब्जा तोड़ा जाएगा। वनविभाग द्वारा 182 कब्जाधारियों को कब्जा हटाने का नोटिस जारी किया गया है। दूसरे चरण में बचे अतिक्रमण को तोड़ा जाएगा। सत्ता बदलने के बाद बड़ी कार्रवाई
महामाया पहाड़ पर अवैध कब्जा बड़ा राजनैतिक मुद्दा रहा है। यहां झारखंड से आए मुस्लिम समुदाय के लोगों का ज्यादातर अवैध कब्जा है। इनमें से बड़ी संख्या में लोगों ने नोटिस मिलने के बाद दूसरी जगहों पर घर बना लिया है। जो बचे हैं वे गरीब तबके के हैं। कुछ लोगों ने बेजा कब्जा में बने मकानों को दूसरों को भी बेच दिया है। भाजपा के सत्तासीन होने के बाद फिर से मुद्दा उठा तो वनमंत्री केदार कश्यप ने सभी अतिक्रमण को हटाने का सख्त निर्देश पांच दिनों पूर्व दिया था। सरगुजा डीएफओ टी. शेखर ने कहा कि, वनभूमि से बेदखली की कार्रवाई नियमानुसार पादर्शिता के साथ की जा रही है।