एक बयान में, मायावती ने कहा कि आज पार्टी संस्थापक को पुष्पांजलि अर्पित की गई और ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने की भी मांग की गई.
लखनऊ:
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए जिला स्तर पर अपने कार्यकर्ताओं को एकजुट करते हुए शुक्रवार को पार्टी के संस्थापक कांशीराम की 90 वीं जयंती मनाई. बसपा सुप्रीमो मायावती ने यहां कांशीराम को श्रद्धांजलि दी. हालांकि, चुनाव नजदीक आने के कारण पार्टी की परंपरा के अनुसार इस अवसर पर जश्न मनाने के कार्यक्रम आयोजित नहीं किए गए, लेकिन उनके अनुयायियों और पार्टीजनों ने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके मिशन को पूरा करने का संकल्प लिया. इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने ‘मान्यवर कांशीराम का मिशन अधूरा, बसपा’ करेगी पूरा” के नारे भी लगाये.
पार्टी के एक नेता ने कहा, इस दिन को मनाने के लिए पूरे राज्य में कार्यक्रम आयोजित किए गए और पार्टी कार्यकर्ताओं को संभावित पार्टी उम्मीदवारों/प्रभारियों से परिचित कराया गया ताकि वे एक-दूसरे को जान सकें.
उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने का संकल्प लेने के लिए पूरे राज्य में जिला स्तर पर पर कार्यक्रम आयोजित किए गए. उन्होंने कहा कि इस अवसर का उपयोग पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट करने और उत्साहित करने के लिए किया गया है.
मायावती ने इस मौके पर अपील जारी कर कहा कि गुलाम मानसिकता वालों से अलग अपनी आपसी एकजुटता एवं बेहतर समझबूझ के ज़रिए ‘मान्यवर श्री कांशीराम जी आपका मिशन अधूरा, बीएसपी करेगी पूरा’ के संकल्प को खासकर लोकसभा चुनाव में सफल बनाने हेतु पूरे जी-जान से प्रयास करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि जातिवादी शक्तियों के अनेकों षड़यंत्र से बचते-बचाते ‘बहुजन समाज’ को केन्द्र एवं राज्यों की सत्ता अपने हाथ मे लेने का चुनावी प्रयास हर हाल में जारी रखना है तभी यहाँ ‘सामाजिक परिवर्तन एवं आर्थिक मुक्ति’ आन्दोलन की सफलता संभव है.
बसपा ने पिछला लोकसभा चुनाव कट्टर प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में लड़ा था और उत्तर प्रदेश में भगवा लहर के बावजूद 10 सीट हासिल की थीं.
मायावती की पार्टी ने इस बार राजग के साथ-साथ विपक्षी गठबंधन से दूरी बनाए रखने और उप्र में आगामी आम चुनाव में अकेले लड़ने का फैसला किया है.
रिपोर्टों से पता चलता है कि कांग्रेस चाहती थी कि बसपा विपक्षी गठबंधन के साथ रहे लेकिन सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस संबंध में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. सपा ने उनकी जगह एक अन्य दलित नेता आजाद समाज पार्टी के चन्द्रशेखर को अपने साथ जोड़ लिया है. इससे पहले बसपा सुप्रीमो ने ‘एक्स’ के जरिए कांशीराम को याद किया था और उन्हें श्रद्धांजलि दी थी.
मायावती ने ‘एक्स’ पर लिखा,‘‘परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण के बाद लंबे समय तक तिरस्कृत एवं बिखरे पड़े उनके आत्म-सम्मान एवं स्वाभिमान के कारवां को देश की राजनीति में नई मजबूती एवं बुलंदी देने का युगपरिवर्तनीय कार्य करने वाले मान्यवर कांशीराम जी को उनकी 90वीं जयंती पर अपार श्रद्धा-सुमन.”
उन्होंने कहा कि बामसेफ (अखिल भारतीय पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक समुदाय कर्मचारी महासंघ), डीएस4 (दलित शोषित समाज संघर्ष समिति) और बहुजन समाज पार्टी की स्थापना कर एवं अपने अनवरत संघर्ष के जरिए उत्तर प्रदेश में सत्ता की ‘मास्टर’ चाबी हासिल कर ‘बहुजन समाज’ हेतु सामाजिक परिवर्तन एवं आर्थिक तरक्की का जो मिशनरी लक्ष्य उन्होंने हासिल किया, वह ऐतिहासिक एवं अतुलनीय है और इसके कारण वह बहुजन नायक बने व अमर हो गए.
एक बयान में, मायावती ने कहा कि आज पार्टी संस्थापक को पुष्पांजलि अर्पित की गई और ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने की भी मांग की गई.
उन्होंने कहा कि देश के खासकर ‘बहुजन समाज’ के लोगों को जातिवादी एवं धन्नासेठ समर्थक विरोधी पार्टियों की साजिश एवं इनके हवाहवाई दावों और वादों से बच-बचाकर आगे चुनाव में सक्रियता एवं कार्रवाई करने की जरूरत है, क्योंकि अब और इनके भरोसे रहना आत्मघाती होगा.