बीजापुर| 8-8 लाख के दो ईनामी नक्सलियों ने बीजापुर सीआरपीएफ के सामने हथियार समेत आत्मसमर्पण किया। जिसमें एक महिला नक्सली भी शामिल है। ये दोनों माओवादी ने सीआरपीएफ डीआईजी कोमल सिंह और एसपी कमलोचन कश्यप के समक्ष आत्मसमर्पण किया।

बस्तर में राजनीति की दिशा बदली तो नक्सल नीति भी बदल गयी। वर्तमान कांग्रेस सरकार को यह ठीक लगा कि आक्रामक रणनीति के स्थान पर बोलचाल की भाषा भी लाल हत्यारे समझ सकते हैं। यहीं कारण है कि विश्व आदिवासी दिवस पर पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज सुन्दरराज पी. के कुशल मार्गदर्शन में चलाए जा रहे माओवादी उन्मूलन अभियान लोन वर्राटू के तहत सोमवार को उड़ीसा स्टेट कमेटी अन्तर्गत कालाहांडी-कंधमाल-बोध-नयागढ़ डिविजन एवं तेलंगाना स्टेट कमेटी में कार्यरत सेंट्रल रिजनल ब्युरो सीसी प्रोटेक्शन ग्रुप कमांडर राजू कारम (एसीएम) पत्नी सुनित कारम ने आत्मसमर्पण किया।

ये दंपत्ति ग्राम मंडीमरका थाना जगरगुण्डा जिला सुकमा के निवासी है। आत्मसमर्पित नक्सली पति-पत्नी जिनपर 8-8 लाख रुपए का ईनाम घोषित था। समर्पण करने वाले दोनों नक्सली कमांडर जम्पन्न के साथ काम कर चुके हैं। नक्सली राजू कारम ने एसएलआर रायफल के साथ सरेंडर किया है।

नक्सल मोर्च पर सुरक्षा बल के जवानों को लगातार सफलता मिल रही है। अब तक लोन वर्राटू अभियान के चलते सैकड़ों नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण माओवादि राजू कारम और उनकी पत्नी सुनिता कारम ने पुलिस के सामने कहा कि माओवादियों के खोखली विचारधारा, भेदभाव पूर्ण व्यवहार एवं प्रताडऩा से तंग आकर आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण के दौरान उन्होंने कहा कि उन लोगों को भारतीय संविधान में विश्वास है। छत्तीसगढ़ शासन के पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया। आपको बता दें कि इन दोनों माओवादियों पर 8-8 लाख का ईनाम घोषित है।

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