Boris Johnson Pm Modi Gujarat Election: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की भारत यात्रा गुजरात से शुरू हो गई है। पीएम मोदी के गृह राज्‍य गुजरात में बोरिस जॉनसन का जोरदार स्‍वागत किया गया। विश्‍लेषकों का मानना है कि कुर्सी बचाने में जुटे बोरिस जॉनसन की पीएम मोदी बड़ी मदद कर सकते हैं। वहीं बीजेपी को भी गुजरात चुनाव में फायदा होने की उम्‍मीद है।

लंदन/अहमदाबाद: गुजरात के चुनावी मौसम में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन आज अहमदाबाद पहुंचे। बोरिस जॉनसन का यह गुजरात दौरा न केवल उनके अपने भविष्‍य के लिए बेहद अहम है, बल्कि पीएम मोदी के लिए भी उतना ही महत्‍वपूर्ण है। ब्रिटेन में ‘पार्टी गेट’ कांड में फंसे बोरिस जॉनसन की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है और उनके ऊपर लगातार इस्‍तीफे का दबाव बढ़ता जा रहा है। उधर, पीएम मोदी के गृह राज्‍य गुजरात में बीजेपी पिछले 27 साल से राज कर रही है और उसे अब जोरदार सत्‍ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी ने ब्रिटिश पीएम को दिल्‍ली की बजाय पहले गुजरात बुलाकर बड़ा दांव चला है जिससे दोनों को ही बड़ा फायदा होने की उम्‍मीद है। आइए समझते हैं पूरा मामला….

दरअसल, ब्रितानी पीएम इन दिनों अपनी कुर्सी बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कोरोना लॉकडाउन के दौरान पार्टी करने के मामले में बोरिस जॉनसन बुरी तरह से फंसे हुए हैं और उन्‍हें हटाने की मांग तेज हो गई है। हालांकि बोरिस ने इस्‍तीफा देने से इंकार किया है और माफी मांगी है। इस पूरे मामले को लेकर बोरिस के समर्थक भी काफी भड़के हुए हैं। उनका कहना है कि पार्टीगेट के बाद बोरिस ने अपना समर्थन खो दिया है। यही नहीं ब्रिटिश सांसद बोरिस जॉनसन के खिलाफ संसद को भ्रमित करने के आरोप पर एक अहम वोट‍िंग करने जा रहे हैं। बोरिस जॉनसन की प्रधानमंत्री बनने के बाद यह पहली भारत यात्रा है। इससे पहले वह 26 जनवरी 2021 को गणतंत्र दिवस के दिन मुख्‍य अतिथि के रूप में भारत आने वाले थे लेकिन कोरोना के कारण यह यात्रा रद हो गई थी। विश्‍लेषकों मानना है कि बोरिस जॉनसन इस भारत यात्रा को भुनाकर देश में अपनी छवि को अच्‍छी बनाना चाहते हैं।

बोरिस की यात्रा से ब्रिटिश अर्थव्यवस्था की बल्‍ले-बल्‍ले
बोरिस जॉनसन की इस यात्रा में भारत और ब्रिटेन के बीच इस साल की शुरुआत में शुरू हुई मुक्त व्यापार समझौते की वार्ता में प्रगति को भी आगे बढ़ाने पर भी जोर दिया जाएगा। मुक्‍त व्‍यापार समझौते के होने से भारत और ब्रिटेन के बीच 2035 तक द्विपक्षीय सालाना व्यापार 28 अरब पाउंड तक बढ़ जाएगा। ऐसे में पूरे ब्रिटेन में काम करने वाले लोगों की आय में 3 अरब पाउंड की बढ़ोत्तरी होगी। बताया जा रहा है कि बोरिस के इस दौरे के दौरान ही 1 अरब पाउंड के निवेश और निर्यात समझौतों का ऐलान हो सकता है। ये समझौते साफ्टवेयर से लेकर हेल्‍थ के क्षेत्र में होने हैं। इससे ब्रिटेन में 11 हजार नई नौकरियां पैदा होंगी। इस यात्रा से ठीक पहले बोरिस जॉनसन ने कहा था कि भारत एक प्रमुख आर्थिक शक्ति और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में इस अनिश्चित समय में ब्रिटेन के लिए एक अत्यधिक मूल्यवान रणनीतिक भागीदार है।

ब्रिटेन की मीडिया के मुताबिक बोरिस जॉनसन की यात्रा का उद्देश्य दुनिया की सबसे तेजी से उभरती शक्तियों और बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक भारत के साथ व्यापार, सुरक्षा और राजनयिक संबंध बनाना है। इसके साथ ही साथ ब्रिटेन मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में भारत को चीन के प्रमुख प्रतिद्वंदी के रूप में देखता है। ऐसे में व्यापारिक संतुलन बनाने और व्यापार को बढ़ाने के लिए इस यात्रा की काफी अहमियत है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री कार्यालय डाउनिंग स्ट्रीट ने स्पष्ट किया है कि भारत के साथ नए संबंध केवल ब्रेक्सिट के परिणामस्वरूप ब्रिटेन को मिली स्वतंत्रता के कारण ही संभव हुए हैं। इस तरह से बोरिस की भारत यात्रा से न केवल ब्रिटिश अर्थव्‍यवस्‍था को फायदा होगा बल्कि लोगों का वेतन बढ़ेगा। इससे चौतरफा दबावों से घिरे बोरिस को ब्रिटेन के अंदर अपनी स्थिति मजबूत होने की उम्‍मीद है।

ब्रिटेन में बसे 8 लाख गुजरातियों पर मोदी की नजर!
गुजरात में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं और पीएम मोदी की नजर एक बार फिर से कमल खिलाने पर है। गुजरात में पिछले 27 साल से बीजेपी का राज है। हालांकि अब बीजेपी जोरदार सत्‍ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी पीएम मोदी के पूरा जोर लगाने के बाद किसी तरह से जीत पाई थी। गुजरात चुनाव में इस बार बीजेपी को न केवल कांग्रेस बल्कि आम आदमी पार्टी से कड़ी टक्‍कर मिलने जा रही है। पंजाब चुनाव में जीत के बाद अब अरविंद केजरीवाल की नजर गुजरात पर है और पार्टी अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए पूरी ताकत से जुटी है।

विश्‍लेषकों का मानना है कि गृह राज्‍य गुजरात में विरोधियों से मिल रही कड़ी टक्‍कर को देखते हुए पीएम मोदी ने विदेशों में बसे गुजरातियों पर नजरें गड़ा दी है। गुजरात एक ऐसा राज्‍य है जहां से बड़े पैमाने पर लोग दुनिया के अलग-अलग हिस्‍सों में शिफ्ट कर गए हैं। विश्‍व के 190 देशों में से 129 देशों में गुजराती रहते हैं। एक अनुमान के मुताबिक ब्रिटेन में करीब 8 लाख गुजराती रहते हैं। इन्‍हीं अप्रवासी गुजराती लोगों पर अब पीएम मोदी की नजर है जो घरेलू स्‍तर पर भी काफी प्रभाव रखते हैं। ये अप्रवासी गुजराती पैसे से भी काफी समृद्ध हैं और गुजरात में बड़े पैमाने पर पैसा भी भेजते हैं। माना जा रहा है कि बोरिस जॉनसन का भव्‍य स्‍वागत करके विदेशों में बसे गुजराती परिवारों को संदेश देने की कोशिश की गई है।

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