बिलासपुर में भाजपा के साथ ही कांग्रेस ने भी अपने मेयर प्रत्याशी तय कर लिया है। भाजपा की पूजा विधानी से मुकाबला करने के लिए कांग्रेस ने प्रमोद नायक को मैदान में उतारा है। इस चुनाव में भाजपा जहां ओबीसी वर्ग से महिला प्रत्याशी उतारकर महतारी वंदन योजना का लाभ लेकर महिला वोटर्स को लुभाएगी। वहीं, कांग्रेस पिछड़ा वर्ग आरक्षण के साथ ही अब छत्तीसगढ़िया और गैर-छत्तीसगढ़िया को मुद्दा बना सकती है। भाजपा की मजबूत स्थिति के बीच कांग्रेस अपनी आपसी गुटबाजी और प्रतिस्पर्धा भूल कर चुनावी समर में उतरेगी तो यहां मुकाबला दिलचस्प हो सकता है। भाजपा की कोर कमेटी ने विधायक अमर अग्रवाल के करीबी अशोक विधानी की पत्नी पूजा विधानी को मैदान में उतार दिया है। इसके साथ ही जिले के सभी नगरीय निकायों में अध्यक्ष और वार्ड पार्षदों के प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। दूसरी तरफ कांग्रेस उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने में पीछे है। देर रात महापौर के लिए प्रमोद नायक के नाम को फाइनल किया गया। इसी तरह नगरीय निकाय और वार्ड पार्षद प्रत्याशियों की सूची भी तैयार होने की चर्चा है। वार्ड पार्षद के प्रत्याशियों को नामांकन जमा करने के लिए तैयार रहने के लिए फोन करने का सिलसिला भी देर रात से शुरू हो गया है। अब नामांकन जमा करने के लिए महज तीन दिन बाकी है। ऐसे में टिकट नहीं मिलने वाले कांग्रेस नेताओं के बागी होने की भी चर्चा बनी हुई है। जानिए कौन है प्रमोद नायक
57 वर्षीय प्रमोद नायक ग्रीन गार्डन कालोनी में रहते हैं। एमकॉम की पढ़ाई करने वाले कांग्रेस नेता प्रमोद नायक कारोबारी हैं और उनका महिंद्रा ट्रैक्टर की डीलरशिप भी है। कुर्मी समाज के नेता प्रमोद नायक छत्तीसगढ़ कुर्मी चेतना मंच प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। युवक कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष से लेकर प्रदेश युवक कांग्रेस के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके साथ ही जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री, प्रदेश सचिव और पूर्व शहर अध्यक्ष रहकर संगठन में काम करने का लंबा अनुभव रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी और महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक की रिश्तेदार हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। महतारी वंदन योजना के जरिए महिला वोटर्स को लुभाने बनाई रणनीति
भाजपा कोर कमेटी की बैठक के पहले ही भाजपा नेताओं ने तय कर लिया था कि नगर निगम में ओबीसी वर्ग की महिला उम्मीदवार को मैदान में उतारा जाए। इससे महतारी वंदन योजना के जरिए महिला वोटर्स को भाजपा के पक्ष में किया जा सकता है। यही वजह है कि संगठन के नेताओं ने अमर अग्रवाल के करीबी अशोक विधानी की पत्नी पूजा विधानी को मैदान में उतारा है। पार्टी को इसका दोहरा लाभ मिल सकता है। पहला ये कि पूजा तेलगु समाज से आती हैं, जिससे उस समाज का झुकाव पार्टी के प्रति दिखेगा। दूसरी तरफ सिंधी समाज के वोटर्स भी भाजपा के पक्ष में नजर आएंगे। जातिगत समीकरण को देखते हुए अमर अग्रवाल की इस रणनीति पर पूजा विधानी को प्रत्याशी तय किया गया है। छत्तीसगढ़िया और गैर-छत्तीसगढ़िया को मुद्दा बना सकती है कांग्रेस
नगर निगम की सीमा में साहू समाज के साथ ही यादव समाज के वोटर्स की संख्या अधिक है। विशेषकर नए वार्डों जैसे कोनी, बिरकोना, बहतराई, खमतराई के साथ ही मोपका और सिरगिट्टी व तिफरा क्षेत्र में इनकी संख्या ज्यादा है। बावजूद इसके भाजपा ने ओबीसी महापौर के रूप में गैर-छत्तीसगढ़िया को उम्मीदवार बनाया है। इस मुद्दे को कांग्रेस भुनाने की कोशिश कर सकती है। वैसे भी कांग्रेस ओबीसी आरक्षण को लेकर भाजपा पर हमलावर रही है। लगातार विरोध-प्रदर्शन किया गया। अब निगम चुनाव में कांग्रेस को फिर से एक मुद्दा मिल गया है। कांग्रेस नेता इस चुनाव में गुटबाजी और आपसी प्रतिस्पर्धा को दूर कर एकजूटता के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी तो मुकाबला रोचक हो सकता है।
