हिमाचल में चुनावी मुद्दे
कांग्रेस चुनाव प्रचार में अग्निवीर योजना के खिलाफ बढ़ते असंतोष और शिमला में सरकार को गिराने के लिए कथित रूप से “दिल्ली” का हाथ होने का मुद्दा उठाती रही.
उधर बीजेपी “मोदी तीसरी बार” (नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री) का नारा लगाती रही है. साथ ही बीजेपी ने हर सभा में अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को अपना चुनावी मुद्दा बनाया. चूंकि कांग्रेस ने मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार किया था इसलिए वह कांग्रेस को “राम विरोधी” भी करार देती रही. वैसे विधानसभा उपचुनावों के चलते प्रचार में स्थानीय मुद्दे भी हावी रहे हैं.
हिमाचल में छह विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनावों के अलावा छह विधानसभा क्षेत्रों – सुजानपुर, धर्मशाला, लाहौल और स्पीति, बड़सर, गगरेट और कुटलेहर में उपचुनाव भी हो रहे हैं. बजट सत्र के दौरान सरकार के पक्ष में वोट करने के लिए पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने पर कांग्रेस के बागियों को पद के अयोग्य ठहराया गया था. इससे छह विधानसभा सीटें खाली हो गई थीं.
इन विधायकों ने 29 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पक्ष में मतदान किया था. बाद में वे अयोग्य ठहरा दिए गए. वे सभी बाद में भगवा पार्टी में शामिल हो गए और अपने संबंधित विधानसभा क्षेत्रों से भाजपा के टिकट पर ही उपचुनाव लड़ रहे हैं.