छत्तीसगढ़ में ‌BJP मिशन-2023 की तैयारियों में जुट गई है। राष्ट्रीय नेताओं का लगातार छत्तीसगढ़ दौरा और प्रदेश संगठन में बदलाव ने सियासी गलियारों में हलचल बढ़ा दी है। कांग्रेस भी लगातार हमलावर है।

छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी मिशन-2023 की तैयारियों में जुट गई है। राष्ट्रीय नेताओं का लगातार छत्तीसगढ़ दौरा और प्रदेश संगठन में बदलाव ने सियासी गलियारों में हलचल बढ़ा दी है। प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष के बाद प्रदेश संगठन में नए चेहरों को मौका दिया गया है। अब जिला स्तर पर बड़े बदलाव की चर्चा तेज हो गई है। संगठन को बूथ लेवल तक मजबूत करने और भूपेश सरकार को आक्रमक रूप से घेरने महत्वपूर्ण पदों पर बदलाव किए जाने की बातें कही जा रही है। प्रदेश की कार्यकारिणी में अधिकांश पुराने नेताओं को साइड लगा दिया गया है। भाजपा में हो रहे बदलाव पर कांग्रेस नेता भी तंज कस रहे हैं। सीएम भूपेश बघेल ने भी भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस के समन्वय बैठक पर हमला बोला है।

भाजपा ने पिछले एक महीने में प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी को भी हटा दिया। इसके बाद प्रदेश कार्यकारिणी में भी बदलाव कर दिया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर के हेलीपैड पर मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि पुरंदेश्वरी ने यह सच स्वीकार कर लिया था कि छत्तीसगढ़ में भाजपा के सामने मुख्यमंत्री का पिछड़े वर्ग का होना और किसान होना सबसे बड़ी चुनौती है। इस सच की वजह से उनको हटाया गया है। सीएम ने कहा कि डी. पुरंदेश्वरी ने सच को स्वीकार कर लिया तो उनको पद से हटा दिया गया और राजस्थान के ओम माथुर को यह जिम्मेदारी सौंप दी गई। इधर छत्तीसगढ़ भाजपा भी ओबीसी वर्ग को ध्यान में रखकर शीर्ष पदों पर उसी जातिवर्ग को साधने में लगी है।

मिशन-2023 को लेकर संगठन में बदलाव
बता दें कि छत्तीसगढ़ में दिसंबर-2023 में विधानसभा चुनाव होना है। 15 साल तक सत्ता में रहने के बाद भाजपा 15 सीटों पर सिमट गई। भाजपा अब सत्ता में वापसी को लेकर रणनीति बना रही है। एक महीने में शीर्ष पदों पर हुए बदलाव ने भाजपा में राजनीतिक खलबली मचा दी है। हालांकि नेता इसे पार्टी की गतिविधियां बताते हैं, लेकिन मुख्य मुद्दा मिशन-2023 है। भाजपा ने 9 अगस्त को प्रदेश अध्यक्ष को बदलने का आदेश जारी किया। विष्णुदेव साय की जगह अरुण साव को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया। 17 अगस्त को नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक की जगह नारायण चंदेल को जिम्मेदारी दी गई। बाद प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी को बदल दिया गया। 2 दिन पहले प्रदेश कार्यकारिणी और मोर्चा-संगठनों के अध्यक्ष भी बदल दिए गए।

50% युवाओं को टिकट दे सकती है पार्टी  
बता दें कि अब छत्तीसगढ़ भाजपा में पूरी टीम को नए सिरे से गढ़ा जा रहा है। छत्तीसगढ़ में मिशन-2023 की लड़ाई और संगठन को मजबूत करने यह बदलाव किए जा रहे हैं। भाजपा के प्रदेश स्तरीय टीम में 60 प्लस वालों की छुट्टी कर दी गई है। अब जिला संगठनों में बदलाव होंगे। 26 जिलों के अध्यक्षों और जिला महामंत्रियों को बदलने की तैयारी है। भाजपा में विधानसभा चुनाव को लेकर फ्रेशर कैंडिडेट की तलाश भी शुरू हो गई है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इस बार पार्टी 50 फीसदी युवाओं को टिकट देने पर विचार कर रही है। पिछले बार की तरह कई नेताओं के टिकट इस बार भी कटेंगे। हारे प्रत्याशियों को संभवत: इस बार टिकट न मिले। लंबे समय तक एक ही चेहरे को रिपीट करने का नुकसान भी पार्टी को उठाना पड़ा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *