छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव की बिसात बिछ गई है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही राजनीतिक दलों ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही टिकट कटने से नाराज नेताओं ने भी अपनी ताल ठोंक दी है। रायपुर-बिलासपुर, अंबिकापुर समेत सात से ज्यादा निगमों में मेयर और पार्षद के दावेदार रहे नेताओं ने निर्दलीय पर्चा भर दिया है। यह पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। बताया गया है कि नाराजगी कांग्रेस में सबसे ज्यादा दिख रही है। जबकि, बीजेपी में कुछ जगहों पर ही विरोध हो रहा है। कांग्रेसियों ने खुलकर किया विरोध
रायपुर निगम चुनाव में कांग्रेस ने इस बार कई एमआईसी मेंबर को टिकट नहीं दिया है। इन्हीं में से बंटी होरा ने सोशल मीडिया पर कांग्रेस को अलविदा कहने की बात लिख चुके हैं। निर्दलीय जीतकर पार्षद बने और फिर कांग्रेस में आए जितेंद्र अग्रवाल भी कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। कोरबा में भी कई पार्षद पद के दावेदार रहे नेताओं ने निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया है। कौन कहां से बागी, किसने छोड़ी पार्टी निकायों में मेयर के 109 समेत कुल 11 हजार से ज्यादा नामांकन जमा हुए निकायों के नामांकन खत्म होने के बाद सभी पदों के लिए प्रदेशभर में 11,701 उम्मीदवारों ने पर्चे भरे हैं। नाम वापसी के बाद मुकाबलों की स्थिति साफ होगी। हालांकि निकायों में कई स्थानों जैसे नारायणपुर व बीजापुर में अध्यक्ष पदों पर सीधे मुकाबले की स्थिति बन सकती है। दुर्ग नगर निगम में महापौर के दो पर्चे ही भरे गए हैं। पार्षदों में भी आमने -सामने की टक्कर के आसार हैं।
