भोपाल में तीन बिल्डरों और उनके सहयोगियों के यहां हुई आयकर विभाग की छापेमारी में रायपुर के कारोबारी महेंद्र गोयनका का इन्वॉल्वमेंट उजागर हुआ है। साथ ही, महेंद्र गोयनका के मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के आईएएस अधिकारियों के साथ संबंधों का भी खुलासा हुआ है। आयकर विभाग को छापेमारी के दौरान ग्वालियर में पदस्थ एक आईएएस अधिकारी से महेंद्र गोयनका के करीबी रिश्तों के सबूत मिले हैं। वहीं, त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के राजेश शर्मा और छापे के जद में आए बिल्डरों के मामले में यह तथ्य सामने आया है कि इनकी कंपनियों का सालाना टर्नओवर 50 करोड़ रुपए है, लेकिन टैक्स चोरी इससे दस गुना ज्यादा होने की आशंका जताई जा रही है। छापा कार्रवाई के बाद जब्त दस्तावेजों की पड़ताल
त्रिशूल कंस्ट्रक्शन, ईशान और क्वॉलिटी ग्रुप के खिलाफ छापे की कार्रवाई के बाद आयकर विभाग अब इनके यहां से जब्त दस्तावेजों की पड़ताल कर रहा है। इन दस्तावेजों की पड़ताल के साथ मोबाइल और अन्य लिंक के आधार पर भी टैक्स चोरी से संबंधित नामों की लिंक निकाली जा रही है। विभाग का मानना है कि 50 करोड़ के कुल टर्नओवर वाले इस छापे में 10 गुना टैक्स चोरी सामने आ सकती है। यह बात भी सामने आई है कि 52 ठिकानों पर शुरू हुई छापेमारी अंतिम दौर में 56 ठिकानों तक पहुंच गई थी। ड्राइवर-कर्मचारियों को भी जारी करेंगे नोटिस
आयकर विभाग की ओर से बिल्डर्स, प्रमोटर्स और कंपनियों के मालिकों और इनके परिजन के साथ अब इनके यहां काम करने वालों को भी नोटिस जारी कर तलब किया जाएगा। सबसे पहले त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के राजेश शर्मा के ड्राइवर, अकाउंटेंट और अन्य कर्मचारियों को नोटिस देकर उनसे आय के बारे में जानकारी ली जाएगी। उधर छापे के दौरान चड्डी-बनियान में घर से भागने वाले राजेश शर्मा के डमी कर्मचारी विश्वनाथ साहू के बारे में आयकर विभाग को जानकारी मिल गई है। पता चला है कि उसकी टांग टूटी है और वह अस्पताल में भर्ती है। सेंट्रल पार्क आयकर विभाग की जांच के दायरे में
आयकर छापे में जो जानकारियां सामने आई हैं, उसमें सूरजनगर के पास बनाए जा रहे सेंट्रल पार्क पर भी अफसरों की नजर है। यहां ब्यूरोक्रेट्स और नेताओं का इन्वेस्टमेंट है। खास बात यह है कि ग्रीन बेल्ट एरिया होने के बाद भी यहां कंस्ट्रक्शन हो रहा है। बताया गया है कि सेंट्रल पार्क के मालिक प्रदीप अग्रवाल अकेले ही करीब एक एकड़ में कंस्ट्रक्शन करा रहे हैं। इसकी परमिशन किस आधार पर दी गई है, इस पर भी सवाल उठने लगे हैं। राजेश शर्मा के डमी कर्मचारी को भुसावल से पकड़ा
आयकर अधिकारियों ने महाराष्ट्र के भुसावल से राजेश शर्मा के डमी कर्मचारी सतीश चौधरी को पकड़कर पूरे मामले में उसके बयान ले लिए हैं। बताया जा रहा है कि सतीश ने कहा है कि, वह कुछ नहीं जानता। राजेश शर्मा उससे जहां साइन कराते थे, वह कर देता था। दूसरी ओर ये पता चला है कि सतीश निसर्ग और अन्य प्रोजेक्ट में राजेश शर्मा के नाम पर ऑथराइज्ड सिग्नेचर के रूप में काम कर रहा था। ये भी खबर पढ़ें… भोपाल में सहारा एस्टेट की 110 एकड़ जमीन खरीदी
पूर्व मुख्य सचिव के लाइजनर के रूप में काम करने वाले त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कम्पनी के मालिक राजेश शर्मा के मामले में आयकर छापे में बड़ा खुलासा हुआ है। आयकर विभाग की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि राजेश शर्मा एंड कम्पनी द्वारा राजधानी के होशंगाबाद रोड पर स्थित सहारा सिटी की 110 एकड़ जमीन की खरीदी की गई है। पढ़िए पूरी खबर

By

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *