उत्तर प्रदेश के नोएडा और कासगंज में 4 साल पहले हुई 4 लोगों की हत्या के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। आरोपी राकेश ने एक प्रेम प्रसंग के चलते ग्रेटर नोएडा में अपनी पत्नी और दो बच्चों को लोहे की रॉड से मार डाला था। इसके बाद तीनों की लाशें घर के बेसमेंट में दफन कर दी थीं। खुद को भी मरा हुआ दिखाने और पुलिस को गुमराह करने के लिए राकेश ने कासगंज में अपने दोस्त की भी हत्या कर दी थी।पुलिस ने गुरुवार रात राकेश के घर के बेसमेंट में खुदाई कर उसकी पत्नी और दोनों बच्चों के कंकाल बरामद कर लिए हैं। राकेश के दोस्त का शव पहले ही बरामद हो चुका था। इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है।

 

क्या है पूरी घटना ?

इस मामले की शुरुआत अलीगढ़ से हुई। यहां नौगावां गांव, थाना गंगीरी के रहने वाले राकेश और रूबी एक-दूसरे से प्यार करते थे। 2011 में राकेश की शादी एटा के मारहरा थाना इलाके के नगला कलुआ गांव की रहने वाली रत्नेश कुमारी के साथ हो गई, लेकिन शादी के बाद भी राकेश और रूबी के संबंध चलते रहे। 2016 में रूबी उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही बन गई और आगरा में ताजमहल की सुरक्षा में उसकी ड्यूटी लगी थी। इस दौरान राकेश अपनी पत्नी के साथ ग्रेटर नोएडा के बिसरख थाना इलाके की पंच विहार कॉलोनी में रहने लगा। यहां उसके साथ तीन साल की बेटी अवनी और डेढ़ साल का बेटा अर्पित भी रहता था, लेकिन दो बच्चे होने के बावजूद राकेश, रूबी से मिलता रहा।

 

2018 में राकेश ने रूबी के सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया। इस पर रूबी ने राकेश के सामने शर्त रख दी कि वह तभी शादी करेगी जब वह अपनी पत्नी और बच्चों को छोड़ देगा। तभी राकेश ने पत्नी और बच्चों को रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया। 14 फरवरी 2018 को यानी वैलेंटाइन-डे के दिन राकेश पत्नी और बच्चों को बेसमेंट में लेकर गया और वहां उसने लोहे की रॉड से हमला कर दिया। इससे तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद राकेश ने तीनों की लाश को बेसमेंट में ही गड्‌डा खोदकर दफन कर दिया और ऊपर से फर्श बना दिया।

 

खुद को मृत दिखाने के लिए राकेश ने दोस्त को मार डाला

राकेश अपने ससुराल में लगातार झूठ बोलता रहा, लेकिन बेटी और उसके बच्चों से बात नहीं हुई तो राकेश के ससुर ने अगले ही दिन बेटी की किडनैपिंग का मामला दर्ज करा दिया। इस पर पुलिस ने राकेश से पूछताछ शुरू की तो वह डर गया और आनन-फानन में कासगंज पहुंच गया और यहां उसने अपने दोस्त राजेंद्र उर्फ कलुआ को गड़ासे से काटकर मार डाला। लाश को उसने ट्रैक पर फेंक दिया और पहचान छिपाने के लिए चेहरा बिगाड़ दिया। शव के पास राकेश ने अपनी ID छोड़ दी, ताकि लोगों को लगे कि वह मर गया है। इसके बाद राकेश ने अपने भाई से कहकर हत्या का मुकदमा दर्ज करवा दिया।

 

वारदात के बाद राकेश हरियाणा भाग गया, प्रेमिका से मिलता रहा

दोस्त की हत्या करने के बाद राकेश ने खुद की पहचान भी बदल डाली। उसने अपना नाम बदलकर दिलीप शर्मा रख लिया और आधार कार्ड पर कुशीनगर का पता लिखवा दिया। दिलीप शर्मा के नाम पर ही वह हरियाणा के पानीपत में कई साल तक नौकरी करता रहा। इस बीच, लगातार प्रेमिका रूबी के संपर्क में रहा। एक सिंतबर को वह अपनी प्रेमिका से मिलने के लिए कासगंज से निकला था, इसी दौरान पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। राकेश के साथ उसके पिता बनवारीलाल, मां इंदुमती, भाई राजीव और प्रवेश और प्रेमिका रूबी को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

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