फिनलैंड और स्वीडन ने 18 मई को नाटो गठबंधन में शामिल होने के लिए औपचारिक रूप से आवेदन किया है। फिनलैंड और स्वीडन ने कहा कि नाटो गठबंधन में शामिल होने का फैसला यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से प्रेरित है।

फिनलैंड और स्वीडन ने 18 मई को नाटो गठबंधन में शामिल होने के लिए औपचारिक रूप से आवेदन किया है। फिनलैंड और स्वीडन ने कहा कि नाटो गठबंधन में शामिल होने का फैसला यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से प्रेरित था। बता दें कि शीत युद्ध के दौरान भी स्वीडन और फिनलैंड जैसे देश तटस्थ रहे थे। ऐसे में नाटो में शामिल होने का उनका फैसला दशकों से यूरोप की सुरक्षा व्यवस्था में सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तनों में से एक है।

नाटो महासचिव ने बताया ऐतिहासिक क्षण

मामले को लेकर नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने कहा है कि यह एक ऐतिहासिक क्षण है। मैं नाटो में शामिल होने के लिए फिनलैंड और स्वीडन के अनुरोधों का गर्मजोशी से स्वागत करता हूं। आप हमारे सबसे करीबी भागीदार हैं, और नाटो में आपकी सदस्यता हमारी साझा सुरक्षा को बढ़ाएगी। नाटो गठबंधन का मानना ​​​​है कि फिनलैंड और स्वीडन के परिग्रहण से बाल्टिक सागर में इसे काफी मजबूती मिलेगी।

एक साल में नाटो से जुड़ सकते हैं स्वीडन और फिनलैंड 

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट बताती है कि नाटो देशों द्वारा स्वीडन और फिनलैंड के इस अनुरोध का अनुमोदन करने में एक साल तक का वक्त लग सकता है। नाटो देश तुर्की ने हाल के दिनों में अपने सहयोगियों को यह कहकर चौंका दिया कि उसे फिनलैंड और स्वीडन की सदस्यता को लेकर आपत्ति है लेकिन स्टोलटेनबर्ग ने कहा है कि इन मसलों को सुलझाया जा सकता है।

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