तो क्या अब भूपेश बघेल भी गिरफ्तार कर लिए जाएंगे ? ये सवाल छत्तीसगढ़ की राजनीतिक चर्चाओं में ख्ूब सुनाई दे रहा है। छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश प्रभारी नीतिन नबीन ने इसी से जुड़ा बयान भी दे डाला। इशारों-इशारों में वो बघेल पर एक्शन की बात करते दिखे। दूसरी तरफ कांग्रेस कवासी लखमा पर हुई कार्रवाई से नाखुश है, कांग्रेस नेताओं के बयान भी सामने आ रहे हैं। बघेल ने दिल्ली जाकर इस मामले में PC की, केंद्र और राज्य सरकार पर आरोप लगाए। सबसे पहले पढ़िए नीतिन नबीन ने भूपेश बघेल को लेकर क्या कहा- एक आदिवासी से अपराध करवा दिया गया, मास्टरमाइंड पीछे बैठकर देखता रहा, भूपेश बघेज ली आपने जिस प्रकार से एक आदिवासी नेता को मोहरा बनाकर यूज किया ये दिखता है कि आदिवासियों के प्रति आपकी सोच क्या है। मगर बघेल जी आप बचिएगा नहीं, इस अपराध का जो असली जनक है, कानून वहां भी पहुंचेगा। नबीन ने कहा कि कानून इतना मजबूत है कि उस मास्टरमाइंड को भी पकड़ निकालेगा। मास्टरमाइंड कतई नहीं बचेगा। बघेल यह अच्छी तरह समझ लें कि शराब घोटाले में संलिप्त कोई भी आरोपी बिल्कुल नहीं बचेगा, चाहे वह कोई भी हो। कांग्रेस आराेप लगा रही है कि भाजपा की सरकारें सेंट्रल एजेंसीस का गलत इस्तेमाल कर रही हैं, इसके जवाब में नबीन बोले- 2 हजार करोड रुपए का शराब घोटाला कांग्रेस शासन के समय ही तो सामने आया था और केंद्रीय एजेंसियाँ कई बार तो उनके पास भी रही है। विभिन्न राज्य सरकारों में जाँच एजेंसियाँ रही हैं। डॉ रमन सिंह की सरकार जाने के बाद भूपेश बघेल खूब शेखी बघारते रहे कि हम यह करेंगे, वह करेंगे; लेकिन 5 साल तक सरकार में रहते हुए वह क्यों कुछ नहीं कर पाए? उनके पास भी स्थानीय स्तर पर जांच एजेंसियां थी, लेकिन उनके पास तथ्य नहीं थे और आज तथ्य हैं, इसलिए घोटालों में संलिप्त लोगों पर कार्रवाई हो रही है। तो क्या पूर्व CM बघेल पर कार्रवाई हो सकती है
भूपेश बघेल पहले ही अंदेशा जता चुके हैं कि ED उन्हें इस केस में शामिल करना चाहती है। उन्होने इसे लेकर दिए अपने बयान में कहा था कि शराब घोटालों में मेरा नाम जोड़ने की कोशिश हो रही है। ED और डिस्टलरों के बीच सांठगांठ हो चुकी है। क्योंकि बिना एक्साइज ड्यूटी दिए शराब बेचने के बाद भी डिस्टलरों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। या फिर बीजेपी डिस्टलरों को बचा रही है। महादेव सट्टा ऐप केस में EOW (आर्थिक अनुसंधान शाखा) ने ED की शिकायत पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत 21 आरोपियों पर FIR दर्ज कर चुकी है। इसमें ऐप प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल समेत कई अज्ञात पुलिस अफसर और कारोबारियों के नाम भी शामिल हैं। ED की ओर से दर्ज कराई गई FIR में कहा गया है कि महादेव ऐप प्रमोटर्स को पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों का संरक्षण प्राप्त था। ऐप के प्रमोटर्स की ओर से कार्रवाई रोकने के लिए इन आरोपियों को बड़ी राशि नियमित रूप से प्रोटेक्शन मनी के रूप में दी गई। इस केस में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दौरान भूपेश बघेल को महादेव सट्टा ऐप प्रमोटर्स की तरफ से 508 करोड़ रुपए दिए जाने का दावा ED की आेर से आया था। ED की चार्जशीट में ये खुलासा हुआ था। तब आरोपी असीम दास के बयान के मुताबिक महादेव एप के एक प्रमोटर शुभम सोनी ने उसे कैश पहुंचाने का काम सौंपा था। हालांकि FIR दर्ज होने या चार्जशीट में नाम आने के बाद ED या EOW ने एक बार भी भूपेश बघेल से पूछताछ नहीं की है। भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी तकरार
भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि हर एक भ्रष्टाचारी का स्थान जेल ही है निश्चित ही इसमें कोई संदेह नहीं है जनता से झूठे वादे और प्रलोभन देकर सत्ता में आई कांग्रेस की सरकार के समय छत्तीसगढ़ में बड़ी लूट हुई, धीरे-धीरे उसकी परते खुल रही है। चाहे रेत घोटाले की बात हो,माइनिंग हो या शराब घोटाले की बात हो,सभी प्रकार के घोटालों में कांग्रेस के करीबी भ्रष्ट अधिकारी और कांग्रेस के नेता जेल जा रहे है।
प्रदेश के वन और सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की गिरफ्तारी पर कहा है कि लखमा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के षड्यंत्रों का शिकार हैं। शराब का पूरा घोटाला भूपेश बघेल की सरपरस्ती में हुआ और बघेल ने जन-धन की लूट मचाकर छत्तीसगढ़ को गांधी परिवार का एटीएम बनाया और यह पैसा सोनिया-राहुल तक भी गया। कश्यप ने कहा कि कवासी लखमा को जान-बूझकर आबकारी मंत्री बनाया था ताकि वह इस घोटाले को अंजाम दे सकें। यह एकदम साफ है कि भूपेश बघेल ही शराब घोटाले के प्रमुख घोटालेबाज हैं। इस पूरे मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ आदिवासी नेता कवासी लखमा की गिरफ्तारी ईडी द्वारा राजनैतिक साजिश है। सर्वविदित है कि अब देश में सीबीआई, आईटी, ईडी कार्यवाही क्यों करती है? जब-जब भाजपा के राजनैतिक एजेंडे को पूरा करना होता है जहां भी छोटा, बड़ा चुनाव हो वहां विपक्षी दलों के नेताओं को बदनाम करने के लिये ईडी कार्यवाही करती है। छत्तीसगढ़ में पंचायत और नगरीय निकाय के चुनाव है। ऐसे में ईडी भाजपा के इशारे में काम कर रही है। लखमा को ED ने क्यों अरेस्ट किया
15 जनवरी को ED ने रायपुर में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को अरेस्ट कर लिया। ED के वकील सौरभ पांडेय् ने कहा- कवासी लखमा को हर महीने 2 करोड़ रुपए मिलते थे। कुल 72 करोड़ रुपए इन्हें मिले ये राशि सुकमा में लखमा के बेटे हरीश कवासी के घर के निर्माण और कांग्रेस भवन सुकमा के निर्माण में लगी है। इस केस में पहले से ही गिरफ्तार अफसर AP त्रिपाठी ने लखमा का नाम लिया था।