भगवद्गीतागीता क्या है| गीता पढ़ने के फायदे > मै गीता पर हाथ रखकर यह कसम खाता हूँ कि जो कुछ भी कहूंगा सच कहूंगा और सच के सिवाय कुछ भी नहीं कहूंगा। यह वाक्य हम लोग अधिकतर हिंदी सिनेमा के पर्दे पर सुनते हैं,

आखिर ऐसा क्या है गीता में कि यह ग्रन्थ पूरी दुनियाँ में पढ़ा जाता है, आखिर ऐसा क्या है गीता में कि यह संसार के समस्त पुस्तकों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है, आखिर ऐसा क्या है गीता में कि इसको पढ़ने वाला व्यक्ति अपने आपको सामान्य से बेहतर महसूस करने लगता है………..?

भगवद्गीता|गीता क्या है| गीता पढ़ने के फायदे > मै गीता पर हाथ रखकर यह कसम खाता हूँ कि जो कुछ भी कहूंगा सच कहूंगा और सच के सिवाय कुछ भी नहीं कहूंगा। यह वाक्य हम लोग अधिकतर हिंदी सिनेमा के पर्दे पर सुनते हैं,

आखिर ऐसा क्या है गीता में कि यह ग्रन्थ पूरी दुनियाँ में पढ़ा जाता है, आखिर ऐसा क्या है गीता में कि यह संसार के समस्त पुस्तकों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है, आखिर ऐसा क्या है गीता में कि इसको पढ़ने वाला व्यक्ति अपने आपको सामान्य से बेहतर महसूस करने लगता है………..?

गीता क्या है
आज के इस आर्टिकल में हम इन्ही बातों पर चर्चा करेंगे और आपको यह भी बताएँगे कि गीता कैसे आपके जीवन में भारी परिवर्तन लाता है और आपको आम से खाश बनाता है। तो आइये अब हम आगे बढ़ते हैं और आज के topic पर चर्चा करते हैं।

वैसे तो गीता का उपदेश दौपर युग में महाभारत युद्ध के दौरान कुरुक्षेत्र के मैदान में श्री कृष्ण ने अर्जुन को सुनाया था और वहीं से गीता का प्रसार शुरू हुआ लेकिन इससे पहले गीता का उपदेश करोड़ो वर्ष पहले भगवान विष्णु ने सूर्य को सुनाया था सूर्य ने अविश्वान मनु से कहा महाराज मनु ने अपनी पुत्री सुवाकु से कहा और सुवाकु से राज्य ऋषियों ने जाना इस तरह यह राज्य ऋषियों परंपरा में चलता रहा और दीर्घ काल में यह इसी पृथ्वी में विलुप्त होता रहा तत्पश्चात दौपर युग में भगवान कृष्ण ने इसे अर्जुन को सुनाया और आज यह हमारे लिए किताबों के रूप में प्रस्तुत है।

भगवद्गीता कोई मामूली पुस्तक नहीं है बल्कि यह मानव जीवन का संविधान है, इसमें मानव जीवन से सम्बंधित हर एक पहलु के बारे में विस्तार से बताया गया है। अर्जुन ने सवाल किये हैं और श्री कृष्ण ने ज़वाब दिए हैं।

पुराने ज़माने के राजा महाराजा भगवद्गीता से ही प्रेरणा लेकर अपना राजपाठ चलाते थे, आज भी दुनियाँ में जो भी महापुरुष होते हैं वे भगवद्गीता से प्रेरणा जरूर लेते हैं क्योकि यह कोई मामूली पुस्तक नहीं है बल्कि भगवान की वाणी है।

गीता में 18 अध्याय हैं और इन 18 अध्यायों में 700 श्लोक हैं, जो मानव जीवन के सभी पहलुओं को समाहित किये हुए हैं इन 18 अध्यायों के नियमित पठन से मानव जीवन को सकारात्मकता की राह मिलती है जो व्यक्ति को सही दिशा में ले जाती है।

भगवद्गीता के फायदे, एक कहानी के माध्यम से
एक गाँव में एक किसान का परिवार रहता था जिसके मुखिया का नाम रामदास था वे गीता के टीकाधारक थे अर्थात नियमित गीता का पाठ किया करते थे और लोगों को भी प्रेरित किया करते थे,एक दिन रामदास के पोते ने उनसे सवाल किया कि,दादा जी आप लोगों से कहते रहते हो कि गीता का पाठ करने से हमारा जीवन बदल जाता है, इसलिए मै आज आपसे जानना चाहता हूँ कि गीता के पाठ से हमारा जीवन कैसे बदलता है कृपया बताएं क्योकि पिछले कई दिनों से मै गीता पढ़ रहा हूँ लेकिन मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है।

इस पर दादा जी ने थोड़ी देर तक सोचा और फिर पोते को एक काम समझाते हुए बोले कि सामने रखी हुई गन्दी टोकरी को लो नदी किनारे जाओ और नदी में से टोकरी भर के पानी लाओ और उस कुंड को भरो जो खाली पड़ी है।

पोते ने बिलकुल वैसा ही किया जैसा दादा जी ने कहा था,सुबह से शाम हो गयी लेकिन वह कुंड नहीं भरा आखिर में पोते ने दादा से कहा, दादा जी मै सुबह से ही इस काम में लगा हूँ नदी से टोकरी में पानी भरता हूँ लेकिन यहाँ आते-आते सारा पानी ख़त्म हो जाता है क्योकि टोकरी में छेद है अब मै ऐसा करता हूँ कि बाल्टी से पानी लाकर इस कुंड को भरता हूँ।

इस पर दादा जी मुस्कुराये और बोले बेटा ज़रा उस टोकरी को ध्यान से देखो कि वह अब कैसी है इस पर पोता बोला बिलकुल वैसी ही है जैसी सुबह थी लेकिन सुबह गन्दी थी अब साफ हो चुकी है। इस पर दादा जी ने पोते को समझाया कि जैसे यह टोकरी नदी के पानी के स्पर्श से स्वच्छ हो गयी बिलकुल वैसे ही भगवद गीता को नियमित पढ़ने से हमारे अंदर जमीं हुई सारी मैल साफ हो जाती है और हमारे विचार भी साफ हो जाते है।

हमारे विचार ही हमारे सोच को प्रभावित करते हैं और हमारी सोच हमारे कार्य को और हमारे कार्य हमारे नतीजों को प्रभावित करते हैं।

जिस तरह एक संगठन को चलाने के लिए कुछ नियम और क़ानून होते हैं, किसी देश को चलाने के लिए वहाँ का अपना एक संविधान होता है बिलकुल उसी तरह इस सृष्टि को चलाने के लिए एक संविधान है जिसे भगवद्गीता (श्री मद्भगवद्गीता ) कहते हैं।

जो इस संविधान को मानते हैं इसके अनुरूप खुद को लेकर चलते हैं अर्थात जो लोग नियमित भगवद्गीता का पाठ करते हैं और अपने आपको उसी के अनुरूप लेकर चलते हैं वे लोग कुछ खाश होते हैं और अपने जीवन में कुछ बड़ा करने वाले होते हैं।

भगवद्गीता पढ़ने के 10 महत्वपूर्ण फायदे जो आपकी जीवन यात्रा को प्रभावित करते हैं:

1 – गीता के नियमित पाठ से हमारा मन शान्त रहता है।

2 – हमारे अंदर के सारे नकारात्मक प्रभाव नष्ट होने लगते हैं।

3 – हमारे सोचने और समझने की शक्ति में बृद्धि होने लगती है

4 – सभी प्रकार की बुराइयों से दूरी खुद-ब-खुद बनने लगती है।

5 – हमारे अंदर का सारा भय दूर हो जाता है और हम निर्भय बन जाते हैं।

6 – गीता हमारे अंदर के भ्रम को दूर करके हमारा साक्षात्कार से परिचय कराती है।

7 – यह हमारे ज्ञान की सीमा को ख़त्म करके हमारे दिमाग के ढक्कन को खोल देती है।

8 – गीता हमें बताती है कि ये मानव जीवन कितना महत्वपूर्ण है।

9 – गीता का नियमित पाठ करने वाला व्यक्ति हमेशा प्रसन्न और भयमुक्त रहता है।

10 – गीता को नियमित पढ़ने वाला पुरुष एक दिन महापुरुष बन जाता है।

भगवान् श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को सुनाया गया यह गीता का उपदेश समस्त मानव जाति के कल्याण का मार्गदर्शक है। यह हमें बताता है कि हम कौन हैं,कहाँ से आये हैं, यहाँ पर कैसे रहना है और एक दिन फिर कहाँ जाना है। 5 हज़ार 5 सौ साल पहले इसमें जो बातें कही गयी थी वो आज भी उतनी ही कारगर सिद्ध होती हैं यह एक ऐसा संविधान है जिसमे अभी तक कोई संशोधन नहीं हुआ है और ना ही कभी होगा क्योकि इसके रचयिता स्वयं भगवान विष्णु हैं।

भगवद्गीता में श्री कृष्ण ने कहा है कि जो मानव इस ग्रन्थ का नियमित पाठ करेगा और लोगों को भी इसके बारे में बताएगा वह मुझे प्रिय होगा और मुझको प्राप्त कर पायेगा।

नीचे दिये गये मंत्र का नियमित जाप करने से मानव जीवन कल्याणकारी हो जाता है और सुख की प्राप्ति होती है,भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि यह मंत्र नहीं बल्कि महामंत्र है,इसके जपने में ही तेरा कल्याण है।

इस महामंत्र का जाप करें

हरे कृष्ण-हरे कृष्ण,कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे…..हरे राम-हरे राम,राम-राम हरे-हरे

 

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