छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में ऑफिस खोलकर क्रिकेट में ऑनलाइन सट्टा चलाने वाले बड़े गिरोह के सरगना समेत 4 सट्टेबाजों को पुलिस ने 2 दिन की रिमांड पर लिया है। अब तक 2 बैंकों से ही 25 करोड़ रुपए से ज्यादा के लेन-देन का पता चला है। अभी 10 से ज्यादा बैंकों से जानकारी लेनी बाकी है। पुलिस सटोरियों से लगातार पूछताछ कर रही है। सट्टा गिरोह से जब्त दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है। एसपी योगेश पटेल ने बताया कि सटोरियों के पास से 15 बैंक खातों के पासबुक, एटीएम, चेकबुक बरामद किए गए थे। सभी बैंकों को खातों के ट्रांजैक्शन की डिटेल मांगी गई है। ऑस्ट्रेलिया क्लब में सट्टा लगाते पकड़े गए थे अंबिकापुर सीएसपी रोहित शाह की टीम ने सोमवार को सटोरिया सुधीर गुप्ता के घर में छापा मारा था। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया क्लब मैच में सट्टा लगवाते 3 युवकों को पकड़ा था। उनके एक सहयोगी को भी गिरफ्तार किया गया। उनके पास से 1.54 लाख रुपए कैश और 73 मोबाइल जब्त हुए थे। अगले दिन सरगना भी गिरफ्तार छापामार कार्रवाई के अगले दिन मंगलवार शाम को ही मुख्य सटोरिया सुधीर गुप्ता को भी गिरफ्तार किया गया। जांच में पता चला कि लंबे समय से गिरोह सट्टा का संचालन कर रहा था। आईपीएल के मैच के दौरान भी बड़े पैमाने पर सट्टा लगवाया गया। आरोपी 15 बैंकों में खोले गए करीब 300 से अधिक खातों से लेन-देन कर रहे थे। इनमें 2 बैंकों से ही 25 करोड़ के लेन देन का पता चल गया है। आरोपियों के पास से 234 एटीएम कार्ड, 78 चेकबुक, 81 पासबुक, 8 बार कोड स्कैनर भी जब्त हुए हैं। कल तक की पुलिस रिमांड पुलिस ने सरगना सुधीर गुप्ता सहित अन्य आरोपियों राहुल अग्रवाल, श्रीकांत अग्रवाल, राहुल कुमार सोनी और सहयोगी अर्जुन गुप्ता को रिमांड पर लिया है। इनकी रिमांड शुक्रवार को खत्म होगी। जरूरत पड़ी तो पुलिस सरगना की पुलिस रिमांड बढ़ा सकती है। बैंकों से मांगी गई है जानकारी एसपी योगेश पटेल ने बताया कि सभी बैंकों से आरोपियों के पास से मिले बैंक अकाउंट डिटेल के आधार पर जानकारी मांगी गई है। ये बैंक अकाउंट अलग-अलग शहरों में संचालित थे। अन्य बैंकों ने जानकारी अभी उपलब्ध नहीं कराई है। इसके अलावे हवाले से रुपए भेजने की जानकारी भी एकत्र की जा रही है। ऐसे लगाया जाता था सट्टा एसपी ने बताया कि, सट्टा लगाने वालों को 20 हजार रुपए जमा करने पर उन्हें लॉग-इन आईडी और पासवर्ड दिया जाता था। इसके माध्यम से वे ऐप खोलकर लॉग-इन करते थे और पैसे लगाते थे। मुनाफे की रकम बैंक से ट्रांसफर की जाती थी। विन बज पोर्टल पर भी ऑनलाइन सट्टा खिलाया जा रहा था।