महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 01 सितम्बर से 30 सितम्बर तक राष्ट्रीय पोषण माह के तहत जिला, विकासखण्ड एवं आंगनबाड़ी स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। कार्यक्रम के तहत एक माह तक जिले में स्थापित सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों, किषोरियों व महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने की जानकारी दी जायेगी। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों में अल्प पोषण, कम वजनी बच्चों के जन्म तथा किषोरी बालिकाओं, गर्भवती महिलाओं, धात्री-माताओं तथा बच्चों में रक्त की कमी को दूर करना मुख्य रूप से शामिल है। एक माह तक चलने वाले विषेष पोषण माह की इस मुहिम को जन-जन तक पहुंचाकर साफ-सफाई तथा पौष्टिक आहार के प्रति लोगों को जाकरूक किया जाएगा।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती रीता यादव ने बताया कि 01 सितम्बर से आयोजित होने वाले पोषण माह के तहत किशोरी बालिका, गर्भवती महिलाओं और धात्री-माताओं को जागरूक किया जायेगा। कार्यक्रम के तहत स्वच्छता का संदेश दिया जाएगा। इस दौरान बच्चों की उंचाई, किशोरी बालिका और गर्भवती महिलाओं के वजन की जांच की जाएगी। अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं व धात्री-माताओं को विशेष स्वास्थ्य सलाह देने के लिए महिला संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। पोषण माह के तहत स्वच्छता, स्वास्थ्य आदतें, पोषण और स्वच्छता प्रचार गतिविधियों के महत्व के बारे में जानकारी दी जाएगी। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा शिशु देखभाल और परिवार नियोजन के बारे में जागरूक किया जाएगा।
इसी कड़ी में जन-जागरूकता के तहत मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत द्वारा अपने निवास स्थान पर पोषण वाटिका बनाया गया है। जिसके अंतर्गत आज गुरुवार 02 सितम्बर को श्रीमती इंद्राणी सोनवानी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, गुनरबोड़ द्वारा मास्टर आरव के साथ पोषण वाटिका का निरीक्षण किया गया। जिसमें अनेक प्रकार की पौष्टिक सब्जियों/फलों की उपलब्धता है। जिसे दैनिक दिनचर्या में स्वास्थ्यगत दृष्टिकोण से उपयोग किया जा सके।