चालू बरसाती सीजन में स्कूलों बच्चों के सर्पदंश और बिजली गिरने से बचाव के लिए जागरूक करने स्कूल शिक्षा विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किया है। सभी शालाओं में ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से बचाव और सुरक्षा संबंधी उपायों और जागरूकता के लिए आपदा प्रबंधन कार्ययोजना तैयार करने के साथ माकड्रिल आदि करवाई कराने के निर्देश सभी जिला शिक्षा अधिकारी और जिला मिशन समन्वयक को दिए गए हैं।
प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा भेजे गए पत्र में स्कूली बच्चों के सर्पदंश की घटनाओं से बचाव और रोकथाम के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए हैं। निर्देश के अनुसार कहा गया है कि सर्पदंश की घटना में जितनी जल्दी हो सके व्यक्ति को निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र या अस्पताल ले जाने की व्यवस्था की जाए। सर्पदंश होने पर काटे गए जगह पर दर्द, नींद आना, सांस लेने में परेशानी होना, धंसी हुई पलकें, नेक्रोसिस (शरीर से कोशिकाओं की मृत्यु, मुंह में झाग आना, निगलने में परेशानी, पसीना आना, धुंधला दिखना आदि सांप काटने के लक्षण कभी-कभी बहुत देर बाद दिखाई पड़ते हैं। कटे हुए स्थान को स्थिर करें अर्थात् व्यक्ति को चलने-फिरने न दें। सांप द्वारा काटे हुए अंग को हृदय से नीचे रखें। सांत्वना दें, घबराहट से हृदयगति, खून का संचरण तेज हो जाता है। जहरीले सांप ने काटा है तो डॉक्टर एंटी वीनम सीरम इंजेक्शन का उपयोग कर सकते हैं। सर्पदंश से बचाव के लिए सांप के रहने के स्थल की जानकारी रखी जाए। बारिश, बाढ़, रात और खेत में सतर्क रहने की आवश्यकता है। पांव को जूता से ढक कर रखें, अंधेरे और रात में टार्च का उपयोग किया जाए, जमीन पर न सोंए।
इसी प्रकार बिजली गिरने की घटनाओं में जनधन की हानि को रोकने के लिए बचाव के उपायों में आसमानी बिजली के झटके से घायल होने पर पीड़ित व्यक्ति को तत्काल नजदीकी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र ले जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए। खुले स्थान पर हैं तो शीघ्र किसी पक्के मकान की शरण लें। सफर के दौरान अपने वाहन में ही रहें। बिजली के उपकरणों या तार के साथ संपर्क से बचें और बिजली के उपकरणों को बिजली के संपर्क से हटा दें। बाइक, बिजली या टेलीफोन का खंभा, तार की बाड़ और मशीन से दूर रहें। धातु से बने कृषि यंत्र डंडा आदि से अपने को दूर रखें। खेत-खलिहान में काम कर रहें हो तो और किसी सुरक्षित स्थान की शरण न ले पाए हो तो जहां है वहीं रहें, हो सके तो पैरों की नीचे सूखी चीजें जैसे-लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *