स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बेमेतरा जिले के उप तहसील नांदघाट को पूर्ण तहसील का दर्जा देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री की इस घोषणा से नांदघाट अंचल के लोगों मे खुशी की लहर है। नागरिकों ने तहसील बनाने के निर्णय का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया है। लोगों को अब जमीन-जायदाद के कामों के निपटारे में आएगी तेजी, तहसील नांदघाट बन जाने से इस क्षेत्र के दूरस्थ में रहने वाले लोगों को अपने जमीन-जायदाद संबंधी कामों-नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, फौती, नक्शा-खसरा बी-1 आदि के साथ-साथ निवास, जाति और आय प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज बनवाने में भी सहुलियत होगी। कम समय में कम दूरी तय कर समय और धन की बचत के साथ लोगों का काम आसानी से हो सकेगा।
नांदघाट अभी नवागढ़ तहसील का हिस्सा है। नांदघाट की नवागढ़ तहसील मुख्यालय से दूरी 30 से 35 किलोमीटर है। नांदघाट के तहसील बन जाने से इस इलाके के 83 गांवो के लोगों को अपने राजस्व संबंधी प्रकरणों के लिए नवागढ़ नहीं आना पड़ेगा। नांदघाट तहसील में 55 ग्राम पंचायतें शामिल होंगी। मकबूजा और गैरमकबूजा रकबा मिलाकर यह तहसील 30 हजार 558 हेक्टेयर क्षेत्रफल की होगी। इस तहसील में शामिल 83 गांवो की कुल जनसंख्या लगभग 89523 हजार है। तहसील क्षेत्र में कुल 572 खातेधार होंगे। नांदघाट तहसील में 04 राजस्व निरीक्षक मण्डल बदनारा, मारो, संबलपुर एवं नांदघट होगे तथा 22 पटवारी हल्के होंगे। पहले इसे राज्य शासन ने उपतहसील का दर्जा दिया था। ऐसे में राजस्व प्रकरणों के निपटारे में लोगों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है तथा मुख्यालय नवागढ़ होने के कारण बहूत से शासकीय कामों के लिए नवागढ् जाना पडता है नांदघाट को तहसील बनाए जाने से समय और धन की भी बचत होगी। नई तहसील से इस क्षेत्र के निवासियों को भी अपने राजस्व प्रकरणों के निपटारे में खासी सहुलियत होगी।