रायपुर में मंगलवार को तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और राज्योत्सव के तीसरे संस्करण की शुरुआत हो गई। इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिम संस्कृति को बचाने की जरूरत बताई।

छ्त्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel) की मौजूदगी में मंगलवार को तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और राज्योत्सव के तीसरे संस्करण का शुभारंभ हुआ। इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि इस राष्ट्रीय आदिवासी वित्त महोत्सव का उद्देश्य आदिम अधिकारों को बचाए रखने के लिए किया गया है। जब हम पूरी दुनिया की आदिम संस्कृति को बचाए रखेंगे तभी हमारी एकजुटता कायम रहेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार छ्त्तीसगढ़ की संस्कृति को बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। हम छ्त्तीसगढ़ में समृद्धि लाने के लिए काम कर रहे हैं। राज्य सरकार छत्तीसगढ़ में शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित कर रही है। हमें आदिम अधिकारों को बचाए रखने के लिए पूरी दुनिया में हमें एकजुटता कायम करना है। छत्तीसगढ़ राज्योत्सव एवं राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव की सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं।

भूपेश बघेल ने कहा कि हमने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और राज्योत्सव के आयोजन को लेकर शुरुआत में जितना सोचा था, उससे अधिक अपने उद्देश्य में कामयाब हुए हैं। पहले हमने सोचा था कि इस आयोजन के माध्यम से हम अपनी शिक्षा एवं संस्कृति की खूबसूरती को पूरी दुनिया में फैलाएंगे। इसका पहला आयोजन इतना सफल रहा कि मौजूदा वक्त में इसका फलक बहुत बड़ा हो गया है। यही कारण है कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव, छत्तीसगढ़ का अब दुनिया के कई देश इंतजार करते हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले आयोजन में 24 राज्य और कईकेंद्र शासित प्रदेशों समेत कुल छह मुल्कों ने भाग लिया था। कोरोना महामारी के बाद पिछले साल दूसरे संस्करण के दौरान 27 राज्य और छह केंद्र शासित प्रदेशों समेत कुल सात देशों की टीमों ने भाग लिया था। इस साल इस महोत्सव में 28 राज्य, आठ केंद्र शासित प्रदेशों समेत कुल नौ मुल्कों ने भाग लिया है। इस महोत्सव में देश विदेश के कुल 15 सौ कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।

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