उदयपुर में हुए चिंतन शिविर के बाद अब मंगलवार को कांग्रेस ने राजनैतिक मामलों के समूह, जिसमें राहुल गांधी तथा दो असंतुष्ट गुलाम नबी आज़ाद तथा आनंद शर्मा शामिल हैं, और एक टास्क फोर्स की घोषणा की.

नई दिल्ली: 

कांग्रेस के साथ प्रशांत किशोर का गठजोड़ परवान नहीं चढ़ सका, लेकिन उनके पूर्व सहयोगी सुनील कनुगोलू को पार्टी के चुनाव प्रबंधन के लिए चुन लिया गया है. उदयपुर में हुए चिंतन शिविर के बाद अब मंगलवार को कांग्रेस ने राजनैतिक मामलों के समूह, जिसमें राहुल गांधी तथा दो असंतुष्ट गुलाम नबी आज़ाद तथा आनंद शर्मा शामिल हैं, और एक टास्क फोर्स की घोषणा की.

टास्क फोर्स – 2024, जो अगले चुनावी अभियान के लिए पार्टी की रणनीति को संभालेगा, में जी-23 ग्रुप का कोई सदस्य, यानी 23 असंतुष्टों में कोई भी शामिल नहीं है, जिन्होंने वर्ष 2020 में सोनिया गांधी को खत लिखकर संगठनात्मक और नेतृत्व परिवर्तन की मांग की थी.

चुनावों में लगातार मिली हार के बाद कांग्रेस ने ये दो पैनल बनाने का फैसला चिंतन शिविर, यानी रणनीति बनाने के लिए उदयपुर में हाल ही में आयोजित बैठक में किया था.

राजनैतिक मामलों के समूह की अध्यक्षता कांग्रेस अधय्क्ष सोनिया गांधी ही करेंगी, और समूह में उनके अलावा मल्लिकार्जुन खड़गे, अम्बिका सोनी, दिग्विजय सिंह, के.सी. वेणुगोपाल तथा जितेंद्र सिंह शामिल हैं. टास्क फोर्स में पी. चिदम्बरम, प्रियंका गांधी वाड्रा, मुकुल वासनिक, जयराम रमेश, के.सी. वेणुगोपाल, अजय माकन तथा रणदीप सुरजेवाला रहेंगे.

कांग्रेस का कहना है कि टास्क फोर्स के प्रत्येक सदस्य को संगठन, संचार, मीडिया, जनता तक पहुंच बनाना, वित्त और चुनाव प्रबंधन से जुड़े अलग-अलग काम सौंपे जाएंगे. सभी सदस्यों के पास समर्पित टीमें रहेंगी.

अपनी रणनीति बैठक, यानी चिंतन शिविर में पार्टी ने तय किया था कि संसदीय बोर्ड के स्थान पर प्रत्येक राज्य तथा केंद्र में राजनैतिक मामलों की समितियां गठित की जाएंगी, जो कांग्रेस के असंतुष्ट गुट की अहम मांग थी.

 

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