भास्कर न्यूज | कोरबा जिले के पर्यटन स्थलों में 31 दिसंबर को पुराने साल की विदाई देने मंगलवार को पर्यटकों की भीड़ रही। 1 जनवरी को नए साल में प्रमुख पर्यटन केंद्र सतरेंगा और बुका में सभी कॉटेज पहले से ही बुक हो गए हैं। हालत यह है कि एक सप्ताह तक रूम खाली नहीं है। इसके साथ ही देवपहरी, कॉफी प्वाइंट, रानी झरिया, चैतुरगढ़ और टिहरीसरई भी लोगों की पहली पसंद है। सतरेंगा में पर्यटन विभाग के कॉटेज बने हुए हैं। जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर की दूरी पर होने के कारण लोग आसानी से यहां पहुंचते हैं। मुख्य आकर्षण बोटिंग है। इसके साथ ही वन विभाग के भी कॉटेज बने हुए हैं। जो पहले से ही बुक हो गए हैं। वन विभाग का बुका में ग्लास हाउस, टेंट, मड हाउस, कॉटेज रुकने की व्यवस्था है। लेकिन यहां पर एक सप्ताह तक कोई भी रूम खाली नहीं है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य देखते ही बनता है। पिकनिक मनाने के लिए लोग परसाखोला भी जाते हैं। केंदई जलप्रपात में भी पर्यटकों की भीड़ जुट रही है। बुका की वनरक्षक भेषज कुमार पटेल की खींची गई तस्वीर से भी लोगों का आकर्षित करती है। सुबह और शाम सूर्य की फोटो देखने लायक है। इसकी वजह से प्रदेश के साथ ही दूसरे राज्यों से भी पर्यटक पहुंचते हैं। नए सवाल के स्वागत के लिए पर्यटन स्थलों में भी विशेष तैयारी की गई है। चैतुरगढ़ में तो एक सप्ताह से बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। यहां 1 जनवरी को मां महिषासुर मर्दिनी मंदिर में विशेष पूजा अर्चना का कार्यक्रम रखा गया है। चैतुरगढ़ में सुबह और शाम होते ही छाने लगा कोहरा चैतुरगढ़ को छत्तीसगढ़ का कश्मीर कहा जाता है। यहां का तापमान 2 से 3 डिग्री तक कम रहता है। शनिवार को बारिश होने के बाद से यहां का मौसम बदला हुआ है। रोज सुबह और शाम को घना कोहरा छा रहा है। इससे प्राकृतिक नजारा भी मनोरम हो जाता है।