दंतेवाड़ा जिले में गीदम शहर की साक्षी सुराना ने ऊंची उड़ान भरी है। वह पायलट बन चुकी है। DGCA से लाइसेंस भी प्राप्त कर लिया है। अब फ्लाइट उड़ाने से सिर्फ एक कदम दूर है। फिलहाल एयर इंडिया में उसने अप्लाई किया है, अगर सब कुछ ठीक रहा तो इसी साल से वह उड़ान भरने लगेगी। हैदराबाद से ट्रेनिंग पूरी की और पायलट बनकर साक्षी अब अपने घर पहुंची है। साक्षी ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत में कहा कि मैंने अपने पिता के सपने को साकार किया है। जब वे पहली बार फ्लाइट में बैठे थे, तब से उन्होंने मुझे पायलट बनाने का ठान लिया था, जिस दिन पहली उड़ान भरूंगी वह पिता के नाम होगी। पढ़िए साक्षी की जबानी, उसके पायलट बनने की कहानी… मैंने शुरुआती पढ़ाई दंतेवाड़ा की एक स्कूल से की है। जिसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए रायपुर गई थी। वहां से फिर हैदराबाद में पायलट की पढ़ाई करने गई। पायलट की पढ़ाई और ट्रेनिंग करने मुझे करीब 3 साल का समय लगा। इस दौरान हवाई जहाज उड़ाना, हवाई जहाज से जुड़ी सारी तकनीक जानकारी हासिल की। वहीं अब 2 महीने पहले ही DGCA से अलग-अलग 2 लाइसेंस भी प्राप्त हुए हैं। अब एयर इंडिया में अप्लाई की हूं। एक छोटा सा एग्जाम और इंटरव्यू देना होगा जिसके बार यदि सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही फ्लाइट उड़ाऊंगी। पायलट बनने बहुत पढ़ाई करनी पड़ती है। टेक्निकल चीजों के अलावा वेदर को भी समझना पड़ता है। शुरुआत में मेरा पायलट बनने का कोई सपना नहीं था। लेकिन पापा ने सपना देखा था कि उनकी बेटी एक दिन प्लेन उड़ाएगी। बस मैं उन्हीं के सपने को साकार कर रही हूं। पहले बहुत रिसर्च की, जानकारों से पूछी फिर इस फिल्ड में उतरी। जब मैं इसकी पढ़ाई कर रही थी, ट्रेनिंग ले रही थी तो मन में सिर्फ एक ही ख्याल आता था कि ये सपना खुद के साथ-साथ पापा का भी है, जिसे साकार करना है। जब पढ़ाई पूरी हुई, DGCA का लाइसेंस मिला तो सबसे पहले लाइसेंस को अपने पापा के हाथ में रखी। वे बहुत खुश हुए। बस अब उन्हें भी इंतजार है कि जल्द ही मैं कोई सी एयरलाइंस जॉइन करूं और फ्लाइट उड़ाऊं। मैं बस इतना कहूंगी की बेटियां भी किसी से कम नहीं होती। यदि वे कुछ कर गुजरने की ठान ले तो कामयाबी जरूर हासिल करती हैं। पिता बोले- बेटी ने ऊंची उड़ान भरी साक्षी के पिता जवाहर सुराना पेशे से कांग्रेस के नेता और बिजनसमैन हैं। उन्होंने कहा कि, जब मैं पहली बार फ्लाइट में बैठा था उस समय महिला पायलेट को देखा तो मेरे मन में भी ख्याल आया कि बेटी को पायलट बनाऊंगा, ताकि वो भी ऊंची उड़ान भर सके। जवाहर ने कहा कि, बेटी ने साबित कर दिखाया है कि वाकई बेटियां भी किसी से कम नहीं हैं।