वित्तीय वर्ष 2024-25 में 45 हज़ार से अधिक आवासों की स्वीकृति
जिले के लिए 391 करोड़ की राशि मंजूर, सपनों को मिली नई उड़ान
32 हज़ार से अधिक परिवारों को पहली किस्त में 111 करोड़ रुपए की राशि जारी

रोटी, कपड़ा और मकान जीवन की तीन सबसे अहम आवश्यकताएँ हैं, जिनकी पूर्ति के लिए हर व्यक्ति लगातार प्रयास करता है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, जहाँ आजीविका के सीमित संसाधन होते हैं, लोग अपने परिवार की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। ऐसे में यदि इन्हीं आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सरकारी सहायता मिल जाए, तो जीवन के बड़े कष्टों से छुटकारा पाया जा सकता है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने ऐसे ही परिवारों के घर के सपनों को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में इस योजना के तहत मिले आर्थिक सहयोग से कई परिवारों के जीवन में नई रोशनी आई है। त्योहारी सीजन के इस अवसर पर जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों में ग्रामीणों ने अपने नए पक्के घरों का गृह प्रवेश कर पूजा-अनुष्ठान के साथ इसे शुभारंभ किया है। वहीं, जिन परिवारों को नए आवास की स्वीकृति मिली है, वे भूमि पूजन कर अपनी खुशियों का जश्न मना रहे हैं। इस योजना ने न केवल आशियाने दिए हैं, बल्कि इन घरों में उम्मीद और खुशहाली की नई किरणें भी बिखेरी हैं।
मुख्यमंत्री के प्रयास और आवास योजना की उपलब्धियाँ
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के विशेष प्रयासों से पूरे छत्तीसगढ़ राज्य के लिए 8 लाख 40 हजार आवासों की स्वीकृति दी गई है। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कुल 45,719 आवासों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इनमें से स्थाई प्रतीक्षा सूची में शामिल 41,166 आवासों में से 32,304 को मंजूरी दी जा चुकी है, और 27,144 हितग्राहियों को प्रथम किस्त की राशि जारी की जा चुकी है। योजना के तहत कुल 391 करोड़ 38 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जिसमें से 111 करोड़ रुपये सीधे हितग्राहियों के बैंक खातों में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से जारी किए गए हैं।
विदित हो कि वित्तीय वर्ष 2016 से 2023 तक 08 वर्षों में जिले में कुल 44,188 आवास स्वीकृत किए गए थे, जिसमें से 42298 आवास पूर्ण कराए जा चुके हैं, लेकिन यह पहला अवसर है जब केवल एक ही वित्तीय वर्ष में 32,304 आवासों की स्वीकृति दी गई है।
विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए आवास
प्रधानमंत्री आदिवासी न्याय महाअभियान योजना के तहत जिले के सुदूर क्षेत्र में रहने वाली विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा समुदाय के पात्र परिवारों को सर्वेक्षण के आधार पर 2,958 आवासों की स्वीकृति प्रदान की गई है। इनमें से 2,413 हितग्राहियों को प्रथम किस्त, जबकि 894 हितग्राहियों को द्वितीय किस्त की राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में भेजी गई है। वर्तमान में इस योजना के तहत 150 आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है।
सपनों का घर, खुशियों का प्रवेश
नवरात्रि पर्व के अवसर पर जिले के 32 हज़ार से अधिक ग्रामीणों को नया मकान मिलना उनके जीवन का सौभाग्यपूर्ण क्षण बन गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना से मिली आर्थिक सहायता के कारण ग्रामीण अपने पक्के मकानों का निर्माण कर रहे हैं, और विगत 2 वर्षों में लगभग 10 हज़ार से अधिक पूर्ण आवासों में लोग गृह प्रवेश कर अपनी खुशियाँ मना रहे हैं।विकासखण्ड राजपुर के निवासी श्री मोहरसाय पहाड़ी कोरवा बताते हैं कि उनका पक्का घर अब बन गया है, और उन्हें रोजगार गारंटी से 95 दिनों का रोजगार भी मिला। श्री नवसाय ने बताया कि उन्हें पंचायत से सूचना मिली कि उनका आवास स्वीकृत हो गया है, और अब उनके परिवार ने भूमि पूजन कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। श्री शिवरतन कोरवा और उनके परिवार ने अपने घर को सजाकर हाल ही में गृह प्रवेश किया। वर्षों पुराना सपना पूरा होने पर उन्होंने अपनी खुशी जाहिर की। इसी प्रकार, श्री रूबल ने बताया कि उनके परिवार ने भूमि पूजन कर अपने नए घर की नींव रखी, और उनके बैंक खाते में पहली किस्त की राशि 40,000 रुपये भी आ गई है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने न केवल आर्थिक सहायता प्रदान की है, बल्कि ग्रामीणों के जीवन स्तर में भी बड़ा बदलाव लाया है, जिससे वे अपने भविष्य के प्रति आश्वस्त और सशक्त महसूस कर रहे हैं।

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