अयोध्या में रामलला के मंदिर निर्माण का काम तेज किया जाएगा। काम की रफ्तार बढ़ाने के साथ परिसर में लाए जाने वाले पत्थरों को रखने का इंतजाम करने और श्रमिकों की संख्या बढ़ाने पर भी मंथन किया गया।

अयोध्या रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के मंदिर निर्माण का काम तेज किया जाएगा। इसकी रणनीति बनाने के लिए मंदिर निर्माण समिति की बैठक दो दिवसीय बैठक शनिवार से शुरू हुई। बैठक में तय किया गया कि राजस्थान के भरतपुर में संचालित राम मंदिर कार्यशाला से तराशे गए पत्थरों को शीघ्र अयोध्या भेजा जाए। बंशीपहाड़पुर के लाल बलुआ पत्थरों से प्रस्तावित मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों की तराशी वहां कराई जा रही है। यहां तराशे गए पत्थरों का आना भी शुरू हो गया है लेकिन अभी उनकी गति धीमी है। इसके लिए अतिरिक्त एजेंसियों को आमंत्रित कर उनमें कार्य विभाजन का फैसला किया गया। काम की रफ्तार बढ़ाने के साथ परिसर में लाए जाने वाले पत्थरों को रखने का इंतजाम करने और श्रमिकों की संख्या बढ़ाने पर भी मंथन किया गया।

राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक को लेकर एक दिन पहले पहुंचे समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने पूर्वाह्न करीब साढ़े नौ बजे पहुंचकर सबसे पहले विराजमान रामलला का दर्शन किया। इसके बाद उन्होंने राम मंदिर निर्माण कार्य का जायजा लिया। उन्होंने कार्यदायी संस्था एलएण्डटी व मानीटरिंग एजेंसी टीसीई के अधिकारियों से आवश्यक फीडबैक लिया और साढ़े दस बजे से परिसर के एलएण्डटी कार्यालय में करीब सात घंटे तक मैराथन बैठक की। इसमें निर्माणाधीन कार्य के साथ सामग्रियों के आपूर्ति की समीक्षा की गयी।

फर्श निर्माण में लग गये है 16 हजार से अधिक ग्रेनाइट ब्लाक

रामजन्मभूमि ट्रस्ट के न्यासी डा. अनिल मिश्र ने बताया कि मंदिर के फर्श को 21 फुट ऊंचा उठाने के लिए 17 हजार ग्रेनाइट ब्लाक लगाए जाने थे। इसके सापेक्ष अब तक 16 हजार से अधिक पत्थर लगाए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस माह के अंत तक यह काम पूरा हो जाएगा। यह भी जानकारी दी कि फर्श को ऊंचा उठाने की प्रक्रिया पश्चिम से लेकर गर्भगृह तक पूरी हो गयी है। इसके आगे फर्श निर्माण का काम चल रहा है। रामजन्मभूमि परिसर में रामायणकालीन पौधरोपण की प्रक्रिया चल रही है।

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