2020 में भी बगावत का रास्ता अपना चुके पायलट के सामने भी चार रास्ते तैयार होते नजर आ रहे हैं। पहला, वह इस बार भी सीएम बनने की जंग हार जाते हैं और 2023 तक अपनी बारी का इंतजार करते हैं।

राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों की बगावत के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। इधर, कांग्रेस अध्यक्ष पद पर उनकी दावेदारी पर भी संकट के बादल छा रहे हैं। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। दरअसल, यह पूरा सियासी ड्रामा मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर हो रहा है। गहलोत समर्थक विधायक पायलट को सीएम नहीं चाहते। कहा जा रहा है कि गहलोत पक्ष की तरफ से हुई इस बगावत से आलाकमान भी खासा आहत है।

गहलोत के लिहाज से राजस्थान में बन सकती हैं चार राहें
पहला,
 वह आधिकारिक रूप से कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ से बाहर हो जाएं और अगले विधानसभा चुनाव तक मुख्यमंत्री बने रहें। दूसरा, वह राजस्थान में अपनी पसंद का सीएम बनाने के लिए कांग्रेस प्रमुख का चुनाव लड़ सकते हैं। तीसरा, वह कांग्रेस नेतृत्व को पार्टी अध्यक्ष और सीएम पद संभालने की अनुमति देने के लिए दबाव डाल सकते हैं।

हालांकि, इस बात की संभावना कम ही है, क्योंकि पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी ‘एक व्यक्ति, एक पद’ की बात कह चुके हैं। चौथा, अगर पार्टी नेतृत्व भी अपनी तरफ से फैसला लेने के लिए तैयार हो जाता है, तो आसार हैं कि गहलोत के हाथ अध्यक्ष पद की दावेदारी जा सकती है और उन्हें सीएम पद से भी बदला जा सकता है।

सचिन पायलट के पास क्या हैं रास्ते
2020 में भी बगावत का रास्ता अपना चुके पायलट के सामने भी चार राहें तैयार होती नजर आ रही हैं। पहला, वह इस बार भी सीएम बनने की जंग हार जाते हैं और 2023 तक अपनी बारी का इंतजार करते हैं। दूसरा, वह राजस्थान की राजनीति छोड़कर केंद्र में बड़ा पार्टी पद संभाल सकते हैं। अब राहुल के करीबी होने के चलते इस बात की संभावनाएं ज्यादा हैं।

तीसरा, गांधी परिवार उन्हें सीएम बनाने में अपनी पूरी ताकत लगा दे और विधायकों को तैयार कर ले। अगर ऐसा होता है, तो पार्टी में आंतरिक बगावत के आसार भी बढ़ जाएंगे। चौथा, पायलट थोड़ा इंतजार करने के बाद नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं या आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम सकते हैं।

रिपोर्ट सौपेंगे खड़गे और माकन
पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन से रिपोर्ट की मांग की है। उन्हें कांग्रेस विधायक दल की बैठक के लिए जयपुर भेजा गया था। खबर है कि दोनों नेता मंगलवार को पार्टी प्रमुख को रिपोर्ट सौंप सकते हैं। चर्चाएं ये भी हैं कि मंत्री शांति धारिवाल और राजस्थान कांग्रेस के चीफ व्हिप समेत कुछ लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।

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