अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को रद्द करके मोदी सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया था कि कश्मीर भारत के दूसरे हिस्सों की तरह देश का अटूट अंग है.

नई दिल्‍ली: 

संसद का आज से विशेष सत्र शुरू हो गया है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सदन को संबोधित किया. इस दौरान उन्‍होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान, संसद पर हुए आतंकी हमले, संसद में अपने पहले दिन समेत कई यादों को सदन के सदस्‍यों के साथ ताजा किया. साथ ही बताया कि आर्टिकल 370 समेत कई ऐसे कानून इस पुरानी संसद भवन की इमारत में पास हुए, जिन्‍होंने देश की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति में बड़े बदलाव किये.

पीएम मोदी ने कहा, “सदन हमेशा गर्व से कहेगा कि (धारा 370 को हटाना) उसके कारण संभव हुआ… जीएसटी भी यहीं पारित हुआ… ‘वन रैंक-वन पेंशन’ देखी गई (और) आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को बिना किसी विवाद के पहली बार सफलतापूर्वक अनुमति दी गई.

उन्‍होंने कहा कि हम नए भवन में भले ही जाएंगे, लेकिन पुराना भवन भी आगे आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा…पीएम मोदी ने कहा कि भारत इस बात का गर्व करेगा कि जी-20 में भारत की अध्यक्षता के समय अफ्रीकन यूनियन जी-20 का सदस्य बना. पीएम मोदी ने कहा, “आतंकी हमला हुआ, पूरे विश्व में ये हमला एक इमारत पर नहीं था. ये लोकतंत्र की मां, हमारी जीवात्मा पर ये हमला था. आज का दिवस संसद के सदस्यों के गौरवगान का दिवस है.

बता दें कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को रद्द करके मोदी सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया था कि कश्मीर भारत के दूसरे हिस्सों की तरह देश का अटूट अंग है. अनुच्छेद 370 को रद्द करने के बाद कड़े सुरक्षा प्रबंध करने के अलावा सरकार द्वारा उठाए गए अन्य क़दमों के कारण पर्यटन का विकास संभव हुआ है. सरकार का कहना है कि जम्मू-कश्मीर के विकास और वहां होने वाले निवेश में अनुच्छेद 370 एक बड़ी बाधा थी. इसके हटने के बाद पिछले साल मार्च में जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने बताया कि 6 महीनों में निवेश 70000 करोड़ रुपये पार कर जाएगा.

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