कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में कहा था कि वह बजरंग दल और पीएफआई (पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया) जैसे संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगी.

नई दिल्‍ली: 

मुसलमानों के सबसे बड़े धार्मिक संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने कांग्रेस को बजरंग दल के मुद्दे पर घेरने की कोशिश की है. मौलाना अरशद मदनी से NDTV से खास बातचीत में कहा कि कांग्रेस ने कर्नाटक में बजरंग दल को बैन करने का वादा किया था. इसके बाद कांग्रेस को मुसलमानों का समर्थन मिला. ऐसे में कांग्रेस को अपना वादा पूरा करना होगा, नहीं तो आगे आने वाले चुनावों में मुसलमान कांग्रेस का यक़ीन नहीं करेगा…

मौलाना अरशद मदनी ने कहा, “कांग्रेस कर्नाटक में बजरंग दल को बैन करे. मुसलमानों ने कर्नाटक में कांग्रेस को वोट दिया है. बजरंग दल को बैन नहीं किया, तो मुसलमान कांग्रेस पर यकीन नहीं करेंगे. मैंने इस मुद्दे पर राहुल गांधी को पत्र लिखा है. कांग्रेस को वापस से नेहरू की पार्टी बनना होगा. कर्नाटक के नतीजे सांप्रदायिक ताक़तों के लिए सबक हैं.”

मुस्लिम विद्वान ने कांग्रेस द्वारा अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के वादे का समर्थन किया था और कहा था कि यह एक ऐसा कदम है, जिसे आदर्श रूप से 70 साल पहले उठाया जाना चाहिए था.

बता दें कि कांग्रेस ने कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से हटाकर राज्य में बहुमत हासिल किया है. पार्टी ने अपने चुनावी घोषणापत्र में कहा था कि वह बजरंग दल और पीएफआई (पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया) जैसे संगठनों जिनपर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया गया है, के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगी, अगर जरूरत पड़ी तो प्रतिबंध भी लगाया जाएगा.

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