भास्कर न्यूज | जांजगीर बारिश का पानी सहेजने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा अमृत सरोवर योजना की शुरुआत की है। योजना के तहत 60 अमृत सरोवर बनाए गए हैं। बड़ी संख्या में तालाब बनाए जाने के बाद इनमें बारिश का पानी भरेगा, ​जिससे ग्राउंड वाटर लेवल रिचार्ज होगा और इसका गर्मी के दिनों में लोगों को फायदा मिलेगा। योजना के तहत जिले में 150 करोड़ रुपए से अधिक खर्च हुए हैं। वहीं आने वाले दिनों में खेतों में रबी की फसलों की सिंचाई के लिए इन अमृत सरोवरों का उपयोग किया जाएगा। दरअसल आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर केंद्र सरकार द्वारा मिशन अमृत सरोवर की शुरुआत की गई थी। इसका उद्देश्य भविष्य के लिए जल संरक्षण करना है। इस मिशन का उद्देश्य देश के प्रत्येक जिले में लगभग 75 अमृत सरोवर (तालाब) विकसित करना या पुराने तालाबों का जीर्णोद्धार करना है। मिशन अमृत सरोवर की शुरुआत 24 अप्रैल 2022 में हुई थी। इस योजना में सरोवर का एरिया कम से कम एक एकड़ निर्धारित किया गया था, ताकि पानी भरने की क्षमता कम से कम 10 हजार घनमीटर थी। जिले में 54 ऐसे सरोवर बनाए गए हैं, जिसके जल भराव की क्षमता 10 हजार घन मीटर से अधिक है। प्रत्येक अमृत सरोवर में नीम, पीपल, बरगद आदि पौधे लगाए गए हैं। इससे जल संरक्षण के साथ ही पर्यावरण का संरक्षण हो रहा है। इसका एक उद्देश्य पानी का उपयोग करके उसे आजीविका के रूप में विकसित करना भी था। पामगढ़ में सबसे अधिक 16 अमृत सरोवर बनाए योजना के तहत पामगढ़ ब्लॉक में सबसे अधिक अमृत सरोवर बनाए गए हैं। यहां 16 अमृत सरोवर बनाए गए हैं। अकलतरा ब्लॉक में 13, बम्हनीडीह में 9, बलौदा में 12, नवागढ़ में 10 अमृत सरोवर बनाए गए हैं।

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