कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा की अध्यक्षता में यहाँ कलेक्टोरेट सभकक्ष में शुक्रवार को जिला स्तरीय वनाधिकार समिति की बैठक आयोजित की गई । बैठक में निरस्त दावों के पुनरीक्षण में अनुमोदन योग्य 224 दावों का अनुमोदन किया गया जिसमे 76 प्रकरण वन भूमि एवं 148 प्रकरण राजस्व के है। वन भूमि में 22 अनुसूचित जनजाति एवं 54 अन्य परंपरागत निवासी तथा राजस्व भूमि में 26 अनुसूचित जनजाति और 122 अन्य परंपरागत निवासी के दावा शामिल हैं।
कलेक्टर ने कहा कि वनाधिकार के फाइलों को परीक्षण उपरांत व्यवस्थित और सुरक्षित रखने की व्यवस्था भू अधिक्षक कार्यालय में करायें। अभी जिन दावों के परीक्षण करना शेष है उसकी पुनः नजरी नक्शा ,जीपीएस नक्शा एवं ग्राम सभा के प्रस्ताव में मे कमियों को दुरुस्त करने कहा। उन्होंने मैनपाट विकासखण्ड से प्राप्त अन्य परंपरागत निवासियों के दावों को बारीकी से पुनः परीक्षण करने कहा ताकि नियमानुसार एवं वास्तविक निवासियों को वनाधिकार पत्र का लाभ मिल सके।भूमि बिक्री करने वालो का वनाधिकार होगा निरस्त- कलेक्टर ने वनाधिकार पत्र की भूमि अन्य लोगो को बिक्री किये जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि जांच में जिनके द्वारा वनाधिकार पत्र की भूमि बेचने की पुष्टि हुई है उनकी वनाधिकार पत्र निरस्त करें।
उन्होंने ग्राम खैरबार एवं बधियाचूआ के मामले में संबंधितों को नोटिस जारी करने कहा। डीएफओ श्री पंकज कमल ने बताया गया कि 7 लोगो के द्वारा वनाधिकार पत्र की भूमि की बिक्री करने की शिकायत पर वन विभाग द्वारा जांच किया गया जिनमे अब तक 5 लोगो के द्वारा जमीन बेचने की पुष्टि हुई है । इन पांच लोगों को दिए गए वनाधिकार पत्र की निरस्तीकरण की कार्यवाही की जाएगी। 10 लोगो की शिकायत और प्राप्त हुई है जिन पर जांच की कार्यवाही की जाएगी। बैठक में जिला पंचायत सदस्य श्री राजनाथ सिंह, सहायक कलेक्टर सुश्री श्वेता सुमन, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री जे आर नागवंशी सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।