राजधानी के एक 33 साल के युवक की बाई आंख टेढ़ा हो गई थी। चेहरे का आकार भी बदल गया था। सात साल से उसे ऐसी दिक्कत हो रही थी। कुछ दिन से उसे ठीक से दिखना भी बंद हो गया था। पहले वह प्राइवेट अस्पताल में गया। फायदा नहीं होने पर अंबेडकर अस्पताल आया। यहां के डॉक्टरों ने बिना चिरा लगाए दूरबीन की सहायता से इलाज किया। मरीज को दो दिन बाद छुट्टी भी दे दी गई है। मरीज अब स्वस्थ और काफी खुश है। पहले बहुत डर रहा था मरीज, बाद में हुआ खुश… डॉ.मान्या ठाकुर एसोसिएट प्रोफेसर, ईएनटी डिपार्टमेंट अंबेडकर अस्पताल करीब सात साल से मरीज परेशान था। 4-5 साल से सरदर्द और हमेशा सर्दी रहती थी। एक नाक से सांस लेने में दिक्कत होने लगी । इस दौरान उसकी नाक का ऑपरेशन हुअा। इससे कुछ दिन आराम मिला, बाद में फिर से नाक बंद हो गई। फिर आंख में देखने में दिक्कत होने लगी। सरदर्द भी काफी बढ़ गया। एम्स रायपुर गया। लेकिन वहां तारीख नहीं मिल पाई। तब अंबेडकर आया। हमने जांच की तो पता चला कि आंख के पास की लैमिना पपीरेसिया (आंख के पास की हड्डी) गल गई है। आंख बाहर आने लगी थी। सांस लेने में दिक्कत, सिर दर्द और आंख में काफी दबाव महसूस होने लगा था। तत्काल ऑपरेशन का प्लान किया। प्राइवेट अस्पतालों में इस इलाज के लिए एक से डेढ़ रुपए खर्च करना पड़ता। अंबेडकर में यह इलाज फ्री में हो गया। मरीज पहले तो काफी डर रहा था। उसे लग रहा था कि चीरा लगाकर उसका ऑपरेशन करेंगे। तब उसे बताया गया कि बिना चीरा लगाए,दूरबीन की सहायता से इलाज किया जाएगा। एंडोस्कोपी के सहारे उसकी आंख के बाजू से टिश्यू हटाकर रास्ता बनाया गया। फिर वहां से खराब टिश्यू (म्यूकोपस) को बाहर निकाला गया। इससे मरीज की आंख वापस अपनी जगह पर आने लगी। यह प्रक्रिया काफी चुनौतिपूर्ण थी। जरा सी भी गलती होती तो मरीज की आंख जा सकती थी। साथ ही उसे डिप्लोपिया (दोहरा दिखाई देना) भी हो सकता था। इलाज के बाद मरीज काफी खुश है। दो दिन मरीज को अॉब्जरवेशन में रखा गया। फिर उसे डिश्चार्ज कर दिया गया। क्या है फ्रंटोएथमॉइडल म्यूकोसील
डॉक्टर मान्या ठाकुर ने बताया कि फ्रंटोएथमॉइडल म्यूकोसील, श्वसन म्यूकोसा से ढका एक पैरानासल साइनस सिस्ट जैसा घाव होता है। यह आम तौर पर सामान्य साइनस जल निकासी में रुकावट की वजह से होता है। फ्रंटल और फ्रंटोएथमॉइडल क्षेत्र, पैरानासल साइनस म्यूकोसेल बनने के लिए सबसे आम जगह हैं। ऑपरेशन में डॉ. मान्या ठाकुर, डॉ. प्रणव रॉय, जूनियर डॉक्टर को टीम में मौजूद थे।
