सूत्रों की मानें तो जयंत चौधरी को अखिलेश यादव ने राज्यसभा भेजने का वादा किया था. अखिलेश चाहते थे कि जयंत सपा के सिंबल पर राज्यसभा जाएं, लेकिन जयंत राष्ट्रीय लोकदल के उम्मीदवार के तौर पर सपा का समर्थन चाहते हैं.

लखनऊ: 

कांग्रेस के पूर्व नेता कपिल सिब्बल ने सपा के समर्थन से राज्यसभा के निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भर दिया है. सूत्रों अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अपने सहयोगी जयंत चौधरी को राज्यसभा नहीं भेज रहे हैं. दरअसल, सपा के पास राज्यसभा की तीन सीटें हैं. कपिल सिब्बल और जावेद अली खान नामांकन भर चुके हैं. कपिल सिब्बल सपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार है. वहीं तीसरे उम्मीदवार की बात करें तो वह डिंपल यादव हो सकती हैं.

सूत्रों की मानें तो जयंत चौधरी को अखिलेश यादव ने राज्यसभा भेजने का वादा किया था. अखिलेश चाहते थे कि जयंत सपा के सिंबल पर राज्यसभा जाएं, लेकिन जयंत राष्ट्रीय लोकदल के उम्मीदवार के तौर पर सपा का समर्थन चाहते हैं.

इससे पूर्व आज नामांकन भरने के बाद कपिल सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा, “मैंने 16 मई को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था.” उन्होंने कहा कि संसद में एक स्वतंत्र आवाज होना जरूरी है. अगर एक स्वतंत्र आवाज बोलती है तो लोगों को पता चलेगा कि ये किसी राजनीतिक दल से नहीं है.

सिब्बल ने आगे कहा कि मैं कांग्रेस का नेता था, लेकिन अब नहीं. कांग्रेस की सदस्यता से 16 तारीख को इस्तीफा दे चुका हूं. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का आभार व्यक्त करता हूं.  2024 चुनाव को लेकर हम सब एक साथ आ रह हैं. केंद्र सरकार की कमियों को उजागर करेंगे. सब एक साथ मिलकर जनता के बीच बात रखेंगे. आजम खान के बारे में सवाल आप उन्हीं से पूछ लीजिए.

 

इससे पहले कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने लखनऊ में सपा मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात की थी. कपिल सिब्बल को राज्यसभा भेजने में आजम खान का बहुत बड़ा रोल है. सिब्बल ने आजम का केस सुप्रीम कोर्ट में लड़ा था. आजम को बेल दिलाने में कपिल सिब्बल का अहम योगदान है.

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