Mainpuri Bypoll Election: सैफई में अखिलेश यादव और शिवपाल यादव काफी वक्त बाद एक मंच पर साथ दिखाई दिए।
मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के निधन के बाद अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) की एक साथ कई तस्वीरें सामने आ चुकी हैं। हालांकि इसके बाद भी शिवपाल के बयानों और डिंपल यादव (Dimple Yadav) के नामांकन में शामिल होने के बाद दोनों की बीच मनमुटाव की चर्चा हो रही थी लेकिन अब सैफई से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिससे यूपी की राजनीति में हलचल पैदा हो गई है।
सैफई में आयोजित कार्यकर्ता सम्मलेन लंबे समय बाद अखिलेश यादव और शिवपाल यादव (Akhilesh Yadav and Shivpal Yadav) एक मंच पर दिखाई दिए। डिंपल यादव को मैनपुरी (Dimple Yadav Mainpuri) से जीत दिलाने के लिए पूरा यादव परिवार एकजुट नजर आया। मंच पर जब अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) का आमना सामना हुआ तो अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल यादव के पैर छुए। वहीं शिवपाल यादव ने कहा कि जसवंतनगर (JaswantNagar) के किसी भी कोने में जाता था तो लोग एक ही बात कहते थे कि एक हो जाइए तो ही बीजेपी को मात दे सकते हैं तो आज हम एक हो गए हैं।
सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हो रहा है। अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के मंच साझा करने पर लोग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। @Himanshubjp90 यूजर ने लिखा कि आप भी कम न हो चार दिन बाद फिर बोलोगे भतीजे ने हमारा एक बार फिर अपमान किया हैं. @Ranjeet85021652 यूजर ने लिखा कि रोजी रोटी जो न करवा दे.@AmitSing0007 यूजर ने लिखा कि मरता क्या ना करता, कहावत सही सिद्ध हुई लेकिन जनता सब जानती है
@vinodya03770811 यूजर ने लिखा कि चाचा भतीजे एक साथ आए यह अच्छी बात है लेकिन यह साथ अब साथ ही रहे तो अच्छा है. @AshutoshDaga2 यूजर ने लिखा कि आजम खान के बाद समाजवादी पार्टी के पास इसके अलावा और कोई उपाय भी तो नहीं था. @BhoolaBhatka यूजर ने लिखा कि चुनाव केवल और केवल जमीनी हकीकत पर जीत सकते हैं, मोदी/भाजपा को 2024 में हराने के सपने पर नहीं।
बता दें कि मैनपुरी से मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) सांसद थे, उनके निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी। इसके बाद इस सीट पर उपचुनाव होने जा रहे हैं। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने यहां से डिंपल यादव (Dimple Yadav) को उम्मीदवार बनाया है जबकि भाजपा ने रघुराज सिंह शाक्य (Raghuraj Singh Shakya) को टिकट दिया है। रघुराज सिंह शाक्य को शिवपाल का करीबी बताया जा रहा रहा था, इसके बाद से यह चुनाव सपा के लिए एक चुनौती माना जा रहा था। हालांकि अब खुद शिवपाल सिंह यादव समाजवादी पार्टी के समर्थन में चले गए।