Agnipath Scheme Recruitment: भारतीय वायुसेना के मुताबिक अग्निपथ योजना के तहत रजिस्टर करने वालों का 24 जुलाई से 31 जुलाई तक ऑनलाइन एग्जाम होगा.

Agnipath Scheme Recruitment: सेना में भर्ती प्रक्रिया को लेकर लाई गई योजना अग्निपथ पर बवाल के बीच वायुसेना में आज से चयन प्रक्रिया शुरू होने जा रही है. भारतीय वायुसेना की तरफ से पहले ही बताया गया था कि 24 जून से भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत की जाएगी. युवा अग्निपथ के तहत आज से अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. ये पूरा प्रोसेस 5 जुलाई तक चलेगा. इसके बाद ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की जाएगी और फिर चयनित उम्मीदवारों को अग्निवीर के तौर पर वायुसेना में काम करने का मौका मिलेगा.

30 दिसंबर से शुरू होगी ट्रेनिंग
भारतीय वायुसेना के मुताबिक अग्निपथ योजना के तहत रजिस्ट्रेशन करने वालों का 24 जुलाई से 31 जुलाई तक ऑनलाइन एग्जाम होगा. इसके बाद 21 अगस्त से 28 अगस्त तक फिजिकल फिटनेस टेस्ट होगा. 29 अगस्त से 8 नवंबर तक मेडिकल एग्जामिनेशन होगा. जो भी उम्मीदवार इन सभी परीक्षाओं को पास करते हैं उनके नाम की लिस्ट 1 दिसंबर 2022 को जारी कर दी जाएगी. साथ ही 30 दिसंबर से उनकी ट्रेनिंग भी शुरू हो जाएगी.

योजना को लेकर जमकर बवाल
बता दें कि कोरोना के चलते पिछले दो सालों से तीनों सेनाओं में भर्ती प्रक्रिया रुकी हुई थी. जिसके बाद सरकार और सेना की तरफ से अग्निपथ योजना लॉन्च की गई. इस योजना के तहत भर्ती होने वाले 75 फीसदी जवानों को चार साल बाद रिटायर होना पड़ेगा. महज चार साल के लिए सेना में चयन को लेकर पूरे देशभर में इस योजना का विरोध हो रहा है. तमाम राज्यों में छात्र इस योजना का विरोध कर रहे हैं. साथ ही सियासी दल भी लगातार सरकार की योजना का विरोध कर रहे हैं. हालांकि सेना की तरफ से साफ कर दिया गया है कि योजना वापस नहीं ली जाएगी और इसी के तहत आगे भर्तियां होंगीं.

अग्निवीरों के लिए ये सुविधाएं
भारतीय वायुसेना की तरफ से बताया गया है कि अग्निवीरों को नियमित सैनिकों की तरह ही भत्ता मिलेगा. सभी अग्निवीरों को साल में 30 दिन छुट्टी मिलेगी. हर अग्निवीर को 48 लाख का इंश्योरेंस कवर मिलेगा. इसके अलावा ड्यूटी पर वीरगति को प्राप्त होने पर उसके परिवार को करीब एक करोड़ की सहायता राशि दी जाएगी. अग्निवीरों को कैंटीन आदि की सुविधा देने का भी ऐलान किया गया है. साथ ही चार साल बाद रिटायर होने वाले अग्निवीरों के लिए कई सरकारी सेवाओं में आरक्षण और वरीयता देने की भी बात कही गई है.

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