भूपिंदर सिंह हु़ड्डा ने भी कांग्रेस लीडरशिप को सलाह दी है कि वह वरिष्ठ नेताओं की चिंताओं को सुने। उन्होंने कहा कि गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा के कद को ध्यान में रखते हुए बात करनी चाहिए।

बीते एक सप्ताह में कांग्रेस को दिग्गज नेताओं की ओर से जम्मू कश्मीर से लेकर हिमाचल तक में झटके लगे हैं। इस बीच हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हु़ड्डा ने भी कांग्रेस लीडरशिप को सलाह दी है कि वह वरिष्ठ नेताओं की चिंताओं को सुने। गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर कांग्रेस की चुनाव समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद आनंद शर्मा ने भी हिमाचल प्रदेश की चुनाव समिति से इस्तीफा दे दिया था। दोनों नेताओं की राय थी कि वह राष्ट्रीय राजनीति में रह चुके हैं और प्रदेश के मामलों की समिति में रखना एक तरह से उनका डिमोशन है।

इस बीच भूपिंदर सिंह हुड्डा का कहना है कि हाईकमान को नेताओं के कद के अनुसार ही उन्हें काम देना चाहिए। उन्होंने कहा कि फिलहाल यह वक्त ऐसा है, जब पार्टी को एकजुट और मजबूत रहने की जरूरत है। भूपिंदर सिंह हुड्डा ने इकनॉमिक टाइम्स से कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने कांग्रेस की चुनाव समितियों से इस्तीफा दे दिया। मैं पार्टी हाईकमान से अपील करता हूं कि वह इन दोनों नेताओं के कद को देखते हुए उनकी बातों को सुने और समस्याओं के समाधान तलाशे। यह जरूरी है कि कांग्रेस को इस वक्त एकजुट और मजबूत रखा जाए।’

क्यों आनंद और आजाद ने दिए थे कांग्रेस हाईकमान को झटके

गुलाम नबी आजाद ने यह कहते हुए इस्तीफा दिया था कि जो जिम्मेदारी उन्हें दी गई है, वह उनके कद के मुताबिक ठीक नहीं है। इसके अलावा आनंद शर्मा ने आरोप लगाया था कि उनके गृह राज्य में चुनाव को लेकर उनसे कोई राय नहीं ली गई। बिना किसी चर्चा के ही उन्हें यह पद दे दिया गया। भूपिंदर सिंह हुड्डा उन 23 नेताओं में रहे हैं, जिन्होंने पार्टी में सुधार के लिए सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। हालांकि भूपिंदर सिंह हु्ड्डा को हरियाणा में पार्टी ने अहम रोल दिया है। उनके करीबी नेता उदयभान को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा भूपिंदर सिंह हुड्डा ही हरियाणा में कांग्रेस की स्टेट यूनिट के सबसे वरिष्ठ नेता हैं।

सोनिया को लिखे पत्र पर बोले हुड्डा- सुधार की कोशिश थी

सोनिया गांधी को जी-23 नेताओं की ओर से लिखे पत्र को लेकर भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा, ‘हमारी ओर से लिखा गया पत्र एक ईमानदार कोशिश थी कि पार्टी में सुधार किया जाए। मुझे उम्मीद है कि इस मसले से निपटने के लिए लीडरशिप की ओर से प्रयास किए जाएंगे। इस संबंध में कुछ कदम उठाए भी गए हैं।’ भूपिंदर सिंह हुड्डा हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता भी हैं।

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