यूपी में मदरसा सर्वे के बाद अब वक्फ संपत्तियों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में सियासत शुरू हो गई है। एआईएमआईएम के अध्यक्ष ओवैसी ने कहा है कि सरकार की नजर वक्फ संपत्तियों पर है। इसकी जांच NRC जैसी है।

यूपी में मदरसा सर्वे के बाद अब वक्फ संपत्तियों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में सियासत शुरू हो गई है। योगी सरकार द्वारा सात अप्रैल 1989 के एक आदेश की आड़ में सार्वजनिक सम्पत्तियों को राजस्व रिकार्ड में बतौर वक्फ दर्ज करवाने के मामलों की जांच के नए आदेश से सियासत गरमा गई है। प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि वक्फ की सम्पत्ति पर अवैध कब्जे बर्दाश्त नहीं किये जाएंगे।

उधर आल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद असद्उद्दीन ओवैसी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार की नजर वक्फ सम्पत्तियों पर है। वक्फ सम्पत्तियों की जांच एनआरसी सरीखी है। उन्होंने सवाल उठाया कि वक्फ सम्पत्तियों की जांच क्यों करवाई जा रही है?

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने कहा है कि वक्फ सम्पत्ति पर जो लोग काबिज हैं, उनसे सम्पत्ति को मुक्त करवाना चाहिए। अगर भ्रष्टाचार हुआ है तो उसकी भी जांच होनी चाहिए। प्रदेश सरकार की नीयत में खोट है। नीयत साफ होनी चाहिए। पार्टी के नेता वसीम वकार ने सवाल उठाया है कि धर्मशालााओं, मंदिरों, मठ, आश्रम आदि की सम्पत्तियों की भी जांच होनी चाहिए वहां भी गड़बड़ी बड़े पैमाने पर हुई है।

उन्होंने उ.प्र.शिया सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी पर अरोप लगाते हुए कहा कि रिजवी ने अपने लम्बे कार्यकाल में वक्फ सम्पत्तियों में कई घोटाले किए मगर वसीम रिजवी के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।

इसी बारे में प्रदेश के पूर्व अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री और भाजपा के एमएलसी मोहसिन रजा ने कहा कि वक्फ सम्पत्तियों में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी सरकारों के कार्यकाल में वक्फ सम्पत्तियों में कई घोटाले हुए। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य ने कहा है कि ओवैसी देश व प्रदेश के मुसलमानों के हितरक्षक नहीं हैं वह मुसलमानों के खिलाफ हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *