डीकेएस सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में बच्ची के सिर में फंसी गोली को ऑपरेशन कर निकाली गई है। 12 दिसंबर को 14 साल की रमली ओयाम के कान के पास गले में गोली घुसी और खोपड़ी से टकराने के बाद जबड़े के नीचे वाले हिस्से में फंस गई। बुलेट जिस जगह पर फंसी थी, उससे केवल 1 सेमी की दूर पर ब्रेन को रक्त पहुंचाने वाली नसें हैं। ऐसे में मामूली चूक से मौत हो सकती थी। घायल बच्ची को रायपुर लाकर डीकेएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 12 दिन से फंसी इस बुलेट को डॉक्टरों की टीम ने निकाल दिया। बच्ची खतरे से बाहर है। भास्कर एक्सपर्ट – ऐसा केस पहली बार आया, स्टडी-रिसर्च के बाद ऑपरेशन डॉ. दक्षेश शाह, वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन, डीकेएस सुपरस्पेशलिटी अस्पताल बच्ची खुद चलते हुए अस्पताल पहुंची थी। हमने एक्स-रे किया, तो रिजल्ट चौंकाने वाला था। क्योंकि कान के पीछे ऐसे जगह गोली लगने पर मौत हो जाती है। गोली ऐसे हिस्से में थी, जहां ब्रेन तक खून पहुंचाने नसें गुजरती हैं। नसें जरा भी डैमेज होने पर ब्रेन हेमरेज या मौत हो सकती थी। इसलिए सर्जरी के पहले हमने अपनी टीम डॉ. नवीन खूबचंदानी और डॉ. इशांत के साथ इस केस पर स्टडी की। ऐसा केस हमारे सामने पहली बार था, जब गोली गले में फंसी थी। ऑपरेशन से पहले डेंटल सर्जन, न्यूरोसर्जन और कार्डियेक थेरोसिक एक्सपर्ट को बुलाया गया। छह विभागों के विशेषज्ञों ने ऑपरेशन शुरू किया। गोली निकालने के लिए सिर के करीब 8 से 10 सेमी गहराई तक पहुंचे। ऑपरेशन के दौरान ही करीब 6-7 बार बच्ची का एक्स-रे किया गया। हर तरह का मैनेजमेंट हमने एडवांस में तैयार रखा था। करीब ढाई घंटे की सर्जरी के बाद गोली निकाली जा सकी। टीम: डॉ. अमित जैन, डॉ. निशांत चंदेल, डॉ. प्रणव राय, डॉ. वी. मिश्रा, डॉ. उत्तम व डॉ. आरती यदु।

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