अफ़ग़ानिस्तान में मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात आए भूकंप में मरने वालों की संख्या 1000 से ज़्यादा हो चुकी है.

दशकों से युद्ध और हिंसक संघर्ष झेल रहे अफ़ग़ानिस्तान के लिए ये भूकंप काफ़ी भयावह साबित होता दिख रहा है.

इसकी एक बानगी उन अस्पतालों में नज़र आ रही है जहाँ इस भूकंप में घायल हुए लोग पहुँच रहे हैं.

पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान के पक्तीका प्रांत में स्थित एक क्लिनिक के कर्मचारी मुहम्मद गुल ने बीबीसी को बताया है कि “सुबह से 500 घायल आए हैं, जिनमें से 200 मर चुके हैं.”

इस और इस जैसे तमाम अन्य अस्पताल इस समय किस चुनौती का सामना कर रहे हैं, उसका पता इस बात से चलता है कि ये सिर्फ़ पांच बेड का अस्पताल है और यहाँ सैकड़ों की संख्या में गंभीर रूप से घायल मरीज़ पहुँच रहे हैं.

भूकंप के बाद हालात भयावह

रिक्टर पैमाने पर 6.1 की तीव्रता से आए इस भूकंप ने इस अस्थायी अस्पताल को भी काफ़ी नुकसान पहुँचाया है.

मुहम्मद गुल ने बताया है कि “क्लिनिक के सभी कमरे पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं.”

उन्होंने बताया है कि कुछ मरीज़ों को बेहतर इलाज के लिए हेलिकॉप्टर के ज़रिए शहरों में ले जाया गया है.

और इस अस्पताल में दो डॉक्टर मौजूद हैं जो कि घायलों की देखरेख कर रहे हैं. यही नहीं, इस अस्पताल की बिजली आपूर्ति पर भी संकट खड़ा हो गया है.

क्योंकि जेनरेटर में ईंधन ख़त्म हो रहा है और अन्य प्रांतों की ओर से मदद आना शेष है.

गुल कहते हैं, “यहाँ पर कई लोगों को तत्काल चिकित्सकीय मदद की ज़रूरत है. मुझे नहीं लगता है कि वे कल सुबह तक ज़िंदा रहेंगे.”

इस भूकंप की वजह से पहाड़ी क्षेत्रों में बने सैकड़ों घर तबाह हो गए हैं और भूस्खलन होने की भी घटनाएं सामने आ रही हैं.

अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने खोला था अस्पताल

अंतरराष्ट्रीय ह्यूमैनिटेरियन एजेंसियों ने कुछ साल पहले इस क्लिनिक को शुरू किया था, जिसका म़कसद मरीज़ों की शुरुआती जांच करके शहर के बड़े अस्पताल भेजना था.

यहाँ इमर्जेंसी ट्रॉमा सेंटर जैसी सुविधाएं नहीं हैं. बीते साल सत्ता पर तालिबान के क़ब्ज़े के बाद से ज़्यादातर अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने अफ़ग़ानिस्तान छोड़ दिया है.

इसके बाद से स्थानीय मेडिकल तंत्र दवाइयों से लेकर अन्य ज़रूरी चीजों एवं कर्मचारियों की कमी झेल रहा है.

इसी क्षेत्र में काम करने वाले एक वॉलिंटियर ने बताया है कि तालिबान के कार्यकारी ज़िला गवर्नर प्रभावित इलाकों का दौरान करने पहुंचे थे लेकिन यहां के लोगों ने उन्हें यहां से भगा दिया है.

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