बिलासपुर में सरकारी जमीन हड़पने के मामले में एक और आरोपी की गिरफ्तारी हुई है। मामला ग्राम मोपका, चिल्हाटी और लगरा की सरकारी जमीन का है। जांच में पता चला कि आरोपियों ने की करीब 6 एकड़ जमीन के सरकारी रिकॉर्ड में हेरफेर किया। आरोपी ने पहले गुलाल उमर के नाम पर फर्जी दस्तावेज बनाए गए, फिर एक रिक्शा चालक भोंदू दास मानिकपुरी के नाम पर फर्जी रजिस्ट्री कर रोहन खेड़िया और नूतन खेड़िया को बेच दिया गया। पूछताछ में जमीन घोटाले में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीन बेचा इस मामले में पहले से ही भोंदूदास मानिकपुरी, राम कुमार यादव, सुरेश उर्फ बब्बू मिश्रा और हैरी जोसेफ को गिरफ्तार किया जा चुका है। शुक्रवार को सरकंडा पुलिस ने भवनलाल कुर्रे को भी हिरासत में लिया। कब्जा छुड़वाने 35 लाख रुपए लिए एसपी रजनेश सिंह के निर्देश पर की गई जांच में भवनलाल कुर्रे के खिलाफ सबूत मिले। आरोप है कि उसने सरकारी जमीन (खसरा नंबर 224/3 और 232/12) पर से कब्जा छुड़वाने और बिक्री की सहमति के एवज में 35 लाख रुपए लिए थे। कई बड़े रसूखदार भी शामिल पुलिस के मुताबिक, इस जमीन घोटाले में कई बड़े और रसूखदार लोग शामिल हैं, मामले की शिकायत प्रकाश सिंह ने पिछले साल की थी, जिस पर पुलिस महानिरीक्षक ने विशेष जांच टीम का गठन किया था। तत्कालीन तहसीलदार और वर्तमान में कबीरधाम के डिप्टी कलेक्टर संदीप ठाकुर की रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज किया गया था।

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