राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति उमेश कुमार को दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया है.
नई दिल्ली:
दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (DERC) चेयरमैन की नियुक्ति को दिल्ली सरकार ने असंवैधानिक बताया है. दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की अवमानना, लोकतंत्र की हत्या… को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे. NDTV से खास बातचीत में ऊर्जा मंत्री आतिशी ने कहा कि रिटायर्ड जस्टिस उमेश कुमार का DERC चेयर पर्सन नियुक्त होना गैर कानूनी, असंवैधानिक और दिल्ली के लोगों के खिलाफ फैसला है.
आतिशी ने आगे कहा कि DERC चेयरपर्सन के मुद्दे पर हम सुप्रीम कोर्ट गए थे और कोर्ट ने साफ निर्देश दिया था कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार की सलाह मानना उपराज्यपाल के लिए बाध्य है. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कल सुबह राजस्थान हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस संगीत लोधा के नाम की सिफारिश की, लेकिन उपराज्यपाल ने सरकार की सिफारिश को अनदेखा करके किसी और को चेयर पर्सन नियुक्त कर दिया. स्पष्ट तौर पर यह सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है. इस फैसले के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.
इससे पहले जानकारी मिली थी कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति उमेश कुमार को दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया था. उपराज्यपाल कार्यालय ने यह जानकारी दी थी. इस नियुक्ति से उपराज्यपाल और आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के बीच टकराव बढ़ सकता है, क्योंकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डीईआरसी के अध्यक्ष पद के लिए न्यायमूर्ति राजीव कुमार श्रीवास्तव (सेवानिवृत्त) के नाम को जनवरी में मंजूरी दी थी.
बयान में कहा गया है कि न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) श्रीवास्तव ने उपराज्यपाल को 15 जून को एक पत्र भेजकर परिवार के प्रति प्रतिबद्धताओं के कारण प्रभार ग्रहण करने में असमर्थता जताई थी, जिसके बाद न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) कुमार की नियुक्ति की गई.