प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए विदेश भेजने की दिल्ली सरकार की योजना को उपराज्यपाल ने कुछ सवालों के साथ फिलहाल रोक लगा दी है. इस पर आप ने वीके सक्सेना पर सरकार की शिक्षा पहलों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।
नई दिल्ली. लगभग 30 शिक्षकों के फ़िनलैंड दौरे ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार और उपराज्यपाल वीके सक्सेना के बीच एक नया टकराव खड़ा कर दिया है. प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए विदेश भेजने की दिल्ली सरकार की योजना को उपराज्यपाल ने कुछ सवालों के साथ फिलहाल रोक लगा दी है. इस पर आप ने वीके सक्सेना पर सरकार की शिक्षा पहलों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, “बहुत दुख के साथ एक तथ्य सामने रख रहा हूं कि अब भाजपा गरीब बच्चों की शिक्षा में टांग अड़ाने का काम कर रही है. वे खुद अपने राज्यों की शिक्षा व्यवस्था को नहीं सुधार पा रहे है और जहां बच्चे अच्छा कर रहे हैं, उनकी शिक्षा को रोकने का काम किया जा रहा है. सभी रिपोर्टें ये कहती हैं कि टीचर्स को बेहतर ट्रेनिंग की ज़रूरत है. हमने अपने कई टीचर्स को अलग-अलग जगह से बेहतर ट्रेनिंग दिलवाई है.”
सिसोदिया ने बताया, “मार्च में हमारे टीचर्स के एक बैच को ट्रेनिंग के लिए फ़िनलैंड जाना था, उस पर एलजी ने आपत्ति जताई है और फ़ाइल रोक दी है. हमने उनके सवालों के जवाब भी भेजे और अब उनकी तरफ़ से आया है कि क्या ऐसी ट्रेनिंग देश में नहीं हो सकती. उपराज्यपाल कॉस्ट बेनिफिट एनालिसिस की बात कर रहे हैं. हमारा कहना है कि हमने इससे पहले भी हज़ारों टीचर्स की ट्रेनिंग करवाई है. हमें अगर विश्वस्तरीय ट्रेनिंग करवानी है, तो इन्हें भेजना होगा. दूसरे देशों से मुक़ाबला करना है, तो उनसे सीखना भी होगा कि कैसे हम आगे बढ़े. हम एलजी से कहना चाहते हैं कि आपने बीजेपी के हर षड्यंत्र में साथ दिया है, लेकिन इस मामले में बीजेपी का साथ मत दीजिये, ये बच्चों की शिक्षा का मामला है. एलजी ने बहुत दुरुपयोग किया है अपने दफ़्तर, का लेकिन इस मामले में ऐसा मत कीजिये.”
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे पर कहा, “आज उपराज्यपाल साहब के साथ बैठक है, तो जिन जिन विषयों पर असहमतियां है, उन पर बातचीत करेंगे. मैं उम्मीद करता हूं कि हमारी बातचीत के बाद कई मुद्दों का समाधान निकलेगा। हम लोग चाहते हैं कि दिल्ली शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति करे. सरकारी स्कूलों का अच्छा प्रदर्शन रहा है अच्छे नतीजे आए हैं. दिल्लीवाले प्राइवेट स्कूल से बच्चों को निकाल कर सरकारी में पढ़ाना चाहते हैं. आज़ादी के 75 साल तक कोई शिक्षक ट्रेनिंग के लिए बाहर नहीं गया, हमारी सरकार ने पहली बार शिक्षकों को विदेश ट्रेनिंग के लिए भेजना शुरू किया. ट्रेनिंग के लिए शिक्षकों को विदेश जाने से रोकना गलत है. बच्चों के भविष्य से जुड़ा हुआ मामला है और दिल्ली की सरकार चुनी हुई सरकार है, हमें बहुमत मिला है.”