कोरोना वायरस के BA.2 ओमीक्रोन सब-वेरिएंट को लेकर अमेरिकी स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों ने खतरे की घंटी बजा दी है। यूरोप और चीन, हॉन्‍ग कॉन्‍ग समेत एशिया के कई देशों में BA.2 की वजह से ही ताजा लहर आई। ओमीक्रोन के इस बेहद संक्रामक सब-वेरिएंट को लेकर कई अमेरिकी विशेषज्ञों ने कहा है कि यह अगली लहर की वजह बन सकता है। हालांकि अमेरिकी स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों ने उम्‍मीद जताई है कि BA.2 से कोरोना मामलों में ज्‍यादा उछाल देखने को नहीं मिलेगा। इसके पीछे की रीजनिंग है कि पिछले साल काफी सारे लोगों को मूल ओमीक्रोन से संक्रमण हो चुका था, वैक्‍सीनेशनल भी हुआ है, ऐसे में उनमें गंभीर बीमारी से इम्‍युनिटी होगी। फिर भी एक्‍सपर्ट्स ने कुछ कारण गिनाए हैं जिनकी वजह से BA.2 की लहर घातक साबित हो सकती है।वहीं, विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO के वैज्ञानिकों ने बताया है कि कई स्थानों पर ओमीक्रोन वेरिएंट में म्यूटेशन का पता चला है, जो इसे और भी खतरनाक और संक्रामक बना रहा है। इसे XE स्ट्रेन नाम दिया गया है।

65 साल से ज्‍यादा उम्र वाले 70% से कम अमरीकियों को ही पहला बूस्‍टर शॉट मिला है, यानी बड़ी आबादी को खतरा है। कैलिफोर्निया की एक रिसर्च इंस्टिट्यूट में मॉलिक्‍यूलर मेडिसिन की प्रफेसर डॉ एरिक तोपोल ने NY टाइम्‍स से बातचीत में यह तथ्‍य सामने रखा। कई लोग जिन्‍हें घटती इम्‍युनिटी के बीच बूस्‍टर शॉट मिला, उनकी इम्‍युनिटी अब कम होने लगी होगी। जो लोग नैचनल इम्‍युनिटी के भरोसे बैठे हैं, उन्‍हें BA.2 ओमीक्रोन से ज्‍यादा सतर्क रहना चाहिए क्‍योंकि यह आसानी से उसे भेद सकता है। एक खतरा लापरवाह होने का भी है क्‍योंकि करीब सवा दो साल से मास्‍क और सोशल डिस्‍टेंसिंग फॉलो करते लोग थक चुके हैं।

ओमीक्रोन के BA.2 वेरिएंट से खतरा तो है ही, XE नाम का एक और वेरिएंट आ गया है। यह BA.2 के मुकाबले 10 गुना ज्‍यादा संक्रामक बताया जा रहा है। नए वेरिएंट्स को देखते हुए बूस्‍टर डोज देने में तेजी की जरूरत है। इस बीच, केंद्र से जुड़ी संस्था ICMR का कहना है कि कोविड टीकों की बूस्टर डोज सभी वयस्कों को दी जानी चाहिए, क्योंकि दो डोज से शरीर में बनी एंटीबॉडी आठ महीने के बाद काफी कम हो जाती है। संस्था का यह भी कहना है कि अगर दो अलग-अलग डोज लगें तो उससे बनी इम्युनिटी ज्यादा प्रभावी होती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक ओमीक्रोन का एक नया XE वेरिएंट आया है, जो BA.2 के मुकाबले 10 गुना ज्यादा संक्रामक है। हालांकि इस दावे को और पुष्टि की आवश्यकता है। यह वेरिएंट ओमीक्रोन के दो सब लीनेज BA.1 और BA.2 को मिलकर बना है। डब्ल्यूएचओ ने इस सप्ताह की शुरुआत में जारी एक रिपोर्ट में कहा, यह पहली बार 19 जनवरी को ब्रिटेन में पाया गया था। तब से अब तक इस वेरिएंट के 600 से ज्यादा मामले मिल चुके हैं। ये वेरिएंट फ्रांस, डेनमार्क और बेल्जियम में भी पाया गया है।

  • रिपोर्ट के मुताबिक यह नया XE स्ट्रेन, ओमीक्रोन के दो स्ट्रेनों में हुए म्यूटेशन और संयोजन से उत्पन्न हुआ है। वैसे तो वैश्विक स्तर पर इसके मामले फिलहाल कम हैं लेकिन जिस तरह से इसे अध्ययनों में संक्रामक बताया जा रहा है, ऐसे में यह समस्याओं को बढ़ा सकता है।
  • प्रारंभिक अध्ययनों से पता चलता है कि अब तक सबसे संक्रामक माने जा रहे स्टील्थ ओमीक्रोन की तुलना में यह 10 फीसदी तेजी से बढ़ और संक्रमण फैला सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना के इस तरह के बढ़ते खतरे को देखते हुए सभी देशों को अलर्ट हो जाना चाहिए।
  • ओमीक्रोन के अब तक तीन हाइब्रिड या संयोजक स्ट्रेनों XD, XE, XF का पता चला है। इसमें से पहले दो डेल्टा और ओमीक्रोन का संयोजन हैं जबकि तीसरा ओमीक्रोन के दो सब-वैरिएंट का हाइब्रिड स्ट्रेन है।

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