कॉइन डेस्क  के आंकड़ों के अनुसार बिटकॉइन लगभग 1% बढ़कर 32,791 डॉलर (लगभग 24.4 लाख रुपये) हो गया।

क्रिप्टोकरेंसी की बात होती है तो बिटकॉइन  का नाम सबसे पहले ज़हन में आता है। इस डिजिटल कॉइन का स्तर इतना बड़ा है कि यह अकेले ही क्रिप्टोमार्केट का प्रतिनिधित्व कर सकता है। मगर पिछले कुछ दिनों से बिटकॉइन की कीमतों मे बहुत अधिक अस्थिरता देखने को मिल रही है।  पिछले 24 घंटों में बिटकॉइन  33,000 डॉलर के स्तर से ऊपर उठने के साथ क्रिप्टोकरेंसी आज मामूली लाभ के साथ कारोबार कर रही थी। मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी लगभग 30,000 डॉलर और 40,000 डॉलर के बीच की सीमा में अटकी हुई है, जो कि 65,000 डॉलर के करीब पहुंच चुकी थी। इस साल बिटकॉइन के संघर्ष के बावजूद दुनिया की इस सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी की कीमत 2021 (साल-दर-तारीख) में लगभग 13% बढ़ी है।

कॉइन डेस्क के आंकड़ों के अनुसार Bitcoin लगभग 1% बढ़कर 32,791 डॉलर (लगभग 24.4 लाख रुपये) हो गया। जबकि ईथर 4% से अधिक बढ़ गया। हालांकि यह 2,000 डॉलर के स्तर से नीचे 1,992 डॉलर (लगभग 1.48 लाख रुपये) पर कारोबार कर रहा था। दूसरी ओर डॉगकॉइन भी 0.19 डॉलर (लगभग 14.6 रुपये) पर चढ़ा। अन्य डिजिटल कॉइन जैसे कार्दानो , XRP पिछले 24 घंटों में लगभग 1% की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे।

रॉयटर्स के एक अन्य समाचार के अनुसार फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने बुधवार को कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक के लिए एक डिजिटल करेंसी सेटअप करने के लिए मजबूत तर्कों में से एक यह है कि यह क्रिप्टोकरेंसी और स्थिर स्टॉक जैसे निजी विकल्पों की आवश्यकता को कम कर सकता है।

कांग्रेस की सुनवाई के दौरान यह पूछे जाने पर कि क्या Fed द्वारा जारी डिजिटल करेंसी भुगतान प्रणाली में कई क्रिप्टोकरेंसी या स्थिर कॉइन्स के उभरने की तुलना में अधिक व्यवहार्य विकल्प होगा? पॉवेल ने कहा कि वह सहमत हैं। एक स्थिर कॉइन एक ऐसी क्रिप्टोकरेंसी है जो अमेरिकी डॉलर जैसी पारंपरिक करेंसी के लिए अपना मूल्य निर्धारित करने का प्रयास करती है।

प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों में ट्रेडिंग वॉल्यूम जून में 40% से अधिक गिर गया। सोमवार को रिसर्च ने दिखाया कि चीन में रेगुलेटरी कार्रवाई और निराशाजनक गतिविधि के कारकों के कारण यह गिरावट आई। लंदन स्थित शोधकर्ता क्रिप्टो कम्पेयर  के आंकड़ों से पता चलता है कि स्पॉट ट्रेडिंग वॉल्यूम 42.7% गिरकर 2.7 ट्रिलियन डॉलर हो गया। जिसमें डेरिवेटिव वॉल्यूम 40.7% घटकर 3.2 ट्रिलियन डॉलर हो गया।

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