डीजीसीए ने पिछले महीने कहा था कि एयरलाइंस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके पायलट और चालक दल के सदस्यों में से 50 प्रतिशत का ‘एल्कोहल टेस्ट’ हो.

नई दिल्ली: 

विमानों की उड़ानों के नियमानुसार संचालन को लेकर विमानन मंत्रालय की ओर से लगातार सख्ती बरती जाती है, फिर भी उल्लंघन के मामले सामने आते रहते हैं. भारत के उड्डयन क्षेत्र के नियामक डीजीसीए (DGCA) ने मंगलवार को कहा कि 9 पायलट और चालक दल के 32 सदस्य एक जनवरी से 30 अप्रैल के बीच उड़ान से पहले किए जाने वाले ‘एल्कोहल टेस्ट’ (शराब के सेवन का पता लगाने की जांच) में पकड़े गए. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने बताया, ‘उनमें से दो पायलट और चालक दल के दो सदस्यों को जांच में दूसरी बार असफल ( pre flight alcohol test) रहने के लिए तीन साल की अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है. उसने कहा कि शेष सात पायलट और चालक दल के 30 सदस्यों को तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया गया क्योंकि वे पहली बार बीए (ब्रेथलाइज़र) जांच में पॉजिटिव पाए गए थे.

डीजीसीए के अनुसार, इंडिगो के चार पायलट और चालक दल के 10 सदस्य, गो फर्स्ट के एक पायलट और चालक दल के पांच सदस्य, स्पाइसजेट के एक पायलट और चालक दल के छह सदस्य, एयर इंडिया एक्सप्रेस का एक पायलट और एयरएशिया इंडिया के चालक दल के चार सदस्य उक्त अवधि में उड़ान पूर्व अल्कोहल जांच में विफल रहे. डीजीसीए ने कहा कि विस्तारा का एक पायलट और चालक दल के दो सदस्य, एलायंस एयर का एक पायलट और एयर इंडिया के चालक दल के पांच सदस्य भी जांच में विफल रहे.

 

डीजीसीए ने पिछले महीने कहा था कि एयरलाइंस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके पायलट और चालक दल के सदस्यों में से 50 प्रतिशत का ‘एल्कोहल टेस्ट’ हो. कोरोना महामारी से पहले, चालक दल के सभी सदस्यों को उड़ान से पहले शराब सेवन का पता लगाने के लिए इस जांच से गुजरना पड़ता था. हालांकि जब महामारी आयी, तो जांच कुछ महीनों के लिए स्थगित कर दी गई. जांच फिर से शुरू की गई लेकिन चालक दल के सदस्यों के केवल एक छोटे हिस्से के लिये.

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